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टायर खराब होने से दूर तक घायलों को लेने नहीं जा रही संजीवनी

घायलों को उपचार के लिए दूर-दूर से लाने वाली संजीवनी इस दिनों खुद बीमार चल रही है

टायर खराब होने से दूर तक घायलों को लेने नहीं जा रही संजीवनी
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मुलताई। घायलों को उपचार के लिए दूर-दूर से लाने वाली संजीवनी इस दिनों खुद बीमार चल रही है। लंबे समय से टायर नही बदलने के कारण घिसे टायरों को कारण संजीवनी दूर नही जा पा रही है जिससे कई बार घायलों के परिजनों द्वारा निजी वाहनों से घायलों को मुलताई अस्पताल लाना पड़ रहा है। कई बार एैसी विषम परिस्थितियों में घायलों की मौत भी हो रही है। संजीवनी के ईएमटी कृष्णा धोटे ने बताया कि विगत लंबे समय से संजीवनी खराब पड़ी हुई थी जिसके कारण समस्या खड़ी हो गई थी। घायलों को कई बार जननी वाहन से भी उपचार हेतू लाना पड़ा। अब संजीवनी सुधर के तो आई है लेकिन टायर घिसने के कारण उसे तेज नही चलाया जा सकता और ना ही दूर ले जाया जा सकता है इसलिए कई बार समस्या खड़ी हो जाती है।

उन्होने बताया कि संजीवनी में उपचार हेतू भी सुविधा नही होने से मरीजों को मौके पर प्राथमिक उपचार देना भी मुश्किल हो रहा है। संजीवनी में जो स्टेपनी है वह भी पूरी तरह घिस गई है इसलिए कोई काम की नही है। संजीवनी की जर्जर हालत होने से कई बार घायलों को लाने के दौरान ही वाहन खराब हो जाता है इसलिए संजीवनी को पहले सुधार की आवश्यकता है। डा.कृष्णा धोटे के अनुसार खराब हालत में संजीवनी अधिक समय से नही चलाई जा सकती।

दो माह बाद सुधर कर आई संजीवनी: मुलताई अस्पताल की संजीवनी खराब होने के कारण उसे बैतूल सुधारने ले जाया गया था जिसमें दो माह से अधिक लग गए थे। संजीवनी खराब होने से घायलों को लाने के लिए दूसरे वाहनों का प्रयोग करना पड़ रहा था। अब संजीवनी सुधर कर तो आई है लेकिन इसके बावजूद उसके हाल-बेहाल हैं। ईएमटी कृष्णा धोटे ने बताया कि मुलताई क्षेत्र बड़ा होने के कारण संजीवनी को लंबी दूरियॉ तय करना पड़ता है तथा अधिकांश प्रकरणों में ग्रामीण क्षेत्रों से भी मरीजों तथा घायलों को लाना पड़ता है। एैसी स्थिति में टायर शीघ्र घिस जाते हैं जिन्हे बदलवाना जरूरी होता है लेकिन इसके बावजूद टायर नही बदलवाने से संजीवनी को जैसे-तैसे चलाना पड़ रहा है जिससे संजीवनी फिर से खराब हो सकती है।

संजीवनी में दवाओं का भी टोटा: क्षेत्र में हाईवे पर प्रतिदिन दुर्घटनाएॅ होती है जिसके लिए चुस्त दुरूस्त वाहन की आवश्यकता होती है लेकिन मुलताई अस्पताल की संजीवनी लंबे समय से खुद बीमार चल रही है जिससे घायलों को लाना तो दूर मौके पर पहुुंचना भी मुश्किल हो रहा है। संजीवनी के कृष्णा धोटे ने बताया कि संजीवनी में दवाएॅ भी नही है जिससे घायलों को मौके पर प्राथमिक उपचार नही दिया जा सकता। इसके अलावा वाहन का मेन्टेनेंस नही होने से भी समस्याएॅ सामने आ रही है। उन्होने बताया कि विगत एक माह के भीतर ही पूरे क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुर्घटनाएॅ हुई है लेकिन कई स्थानों पर संजीवनी वाहन की हालत खराब होने से पहुंच वह पहुंच नही पाया इसलिए निजी वाहनों से घायलों को लाया गया। खराब वाहन को लेकर पूरे क्षेत्र में जहॉ रोष व्याप्त है वहीं ईएमटी के अनुसार जब तक वाहन सुधर नही जाता तब तक वाहन को दूर नही ले जाया जा सकता।

इनका कहना है

संजीवनी वाहन खटारा हो चुका है जिसे बदलने के लिए कई बार शिकायत की गई है लेकिन इसके बावजूद ना वाहन बदला जा रहा है और ना ही सुधारा जा रहा है जिससे बार-बार समस्या खड़ी हो रही है।
प्रशांत सेन बीएमओ शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई।


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