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राष्ट्रवादी संगठन है संघ, माओवादी और अराजक विचारधारा के प्रभाव में हैं राहुल : भाजपा

राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से करने की कड़ी भर्त्सना करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है जो 1925 से राष्ट्र संकल्प, राष्ट्र समर्पण और राष्ट्र भक्ति के साथ राष्ट्र की सेवा कर रहा है

राष्ट्रवादी संगठन है संघ, माओवादी और अराजक विचारधारा के प्रभाव में हैं राहुल : भाजपा
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नई दिल्ली। राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से करने की कड़ी भर्त्सना करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है जो 1925 से राष्ट्र संकल्प, राष्ट्र समर्पण और राष्ट्र भक्ति के साथ राष्ट्र की सेवा कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भारत की आलोचना करने के लिए ब्रिटिश संसद का दुरुपयोग करने का मसला उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से भी सवाल पूछा कि क्या वे भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा हस्तक्षेप करने की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करते हैं?

भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए प्रसाद ने कहा कि संघ की विचारधारा का प्रभाव पूरे देश पर है और संघ के आदशरें से प्रभावित और प्रेरित हजारों लोग आज देश पर शासन कर रहे हैं। आज संघ कहां से कहां पहुंच गया है और कांग्रेस कहां तक सिमट गई। 2024 (लोक सभा चुनाव) में कांग्रेस और ज्यादा सिमटने जा रही है।

राहुल गांधी के संघ को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी करते थे और आज राहुल गांधी भी कर रहे हैं लेकिन संघ के कामों की तारीफ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी करते थे, यहां तक कि स्वयं जवाहर लाल नेहरू को भी 1962 की लड़ाई के बाद संघ को परेड में शामिल होने के लिए बुलाना पड़ा था।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या राहुल गांधी आरएसएस का पूरा नाम जानते हैं? क्या वे आरएसएस के संस्थापक का नाम जानते हैं? और क्या वे संघ द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में जानते हैं?

राहुल गांधी पर माओवादी और अराजक विचारधारा के प्रभाव में होने का आरोप लगाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से भी सवाल पूछा कि क्या वे भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा हस्तक्षेप करने की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करते हैं? अगर बतौर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे राहुल गांधी के विदेशी हस्तक्षेप वाले बयान का समर्थन नहीं करते हैं तो उन्हें अपने आपको इस बयान से अलग कर लेना चाहिए नहीं तो यह माना जाएगा कि वे भी राहुल के साथ खड़े हैं।

राहुल गांधी पर लंदन में अपने भाषणों में भारत के लोकतंत्र, संसद, राजनीतिक व्यवस्था, भारत की जनता, न्याय व्यवस्था और सामरिक सुरक्षा, इन सभी का अपमान करने का आरोप लगाते हुए प्रसाद ने आगे कहा कि विदेश जाते ही राहुल गांधी सारी मर्यादा, सारी शालीनता और लोकतांत्रिक शर्म, सब भूल जाते हैं। अब जब देश की जनता न उनको सुनती है और न ही समझती है तो वे विदेश में जाकर विलाप करते हैं कि भारत का लोकतंत्र खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि अगर देश आपको बार-बार हराता है तो इसका गुस्सा विदेश जाकर न निकालें।


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