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'संविधान हत्या दिवस' से नई पीढ़ी को होगी इमरजेंसी की जानकारी : नलिन कोहली

केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है

संविधान हत्या दिवस से नई पीढ़ी को होगी इमरजेंसी की जानकारी : नलिन कोहली
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां भाजपा पर हमलावर हो गई हैं। विपक्ष इसे भाजपा का राजनीतिक स्टंट बता रहा है।

इसको लेकर वरिष्ठ वकील और भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाकर संविधान की हत्या की गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विपक्ष के सारे नेताओं को जेल में डाल दिया था। उन्हें 19 महीने जेल में रहकर पीड़ा झेलनी पड़ी।

देश की जनता को भी यातनाएं झेलनी पड़ी थी। बहुत सारे लोगों के मकान खत्म हुए। कई लोगों के ऊपर जबरदस्ती के ऑपरेशन हुए। इमरजेंसी असत्य नहीं बल्कि सत्य घटना है।

अब कांग्रेस पार्टी इस बात से घबरा रही है कि 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने के बाद आपातकाल की जानकारी नई पीढ़ी के लोगों को भी मिल जाएगी। इस देश के लोग आपातकाल को कभी भूल नहीं पाएंगे।

बता दें, केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना में लिखा गया, "25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, उस समय की सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया था और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए थे। भारत के लोगों को देश के संविधान और भारत के मजबूत लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है।"

इसलिए, भारत सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के घोर दुरुपयोग का समर्थन नहीं करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया है।"


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