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बिहार के बेगूसराय में 'सम्मान निधि' बन रही किसानों के लिए वरदान

बिहार के बेगूसराय जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है

बिहार के बेगूसराय में सम्मान निधि बन रही किसानों के लिए वरदान
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बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। बढ़ती महंगाई के इस दौर में जहां किसान अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए आर्थिक तंगी से परेशान थे, वहीं यह योजना उनकी जिंदगी में एक नई उम्मीद लेकर आई है।

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। यह राशि न केवल उनकी दैनिक जरूरतें पूरी करने में मदद कर रही है, बल्कि खेती-बाड़ी के लिए समय पर संसाधन जुटाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है। किसान इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं और इसे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार का एक बड़ा कारण मान रहे हैं।

बेगूसराय के मटिहानी प्रखंड के सिहमा गांव के 55 वर्षीय किसान विद्यानंद सिंह इस योजना के लाभार्थियों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि वह छोटे किसान हैं और दो-तीन बीघे जमीन पर खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। पहले खेती के लिए खाद, बीज और अन्य जरूरी चीजों के लिए उन्हें कर्ज लेना पड़ता था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और कमजोर हो जाती थी। लेकिन जब से पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत उन्हें सालाना 6,000 रुपए मिलने शुरू हुए हैं, तब से उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आया है। अब वह समय पर खाद और बीज खरीद पाते हैं और कर्ज के बोझ से भी मुक्ति मिली है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के लिए ऐसी योजना शुरू की है, जिससे हमारा भरण-पोषण आसान हो गया है। इसके लिए हम उनका बार-बार धन्यवाद करते हैं।

इसी गांव के 50 वर्षीय किसान अमर कुमार भी इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। वह बताते हैं कि खेती-बाड़ी ही उनके परिवार के गुजर-बसर का एकमात्र जरिया है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली 2,000 रुपए की तीन किस्तों ने उनकी कई मुश्किलें आसान कर दी हैं। अब उन्हें छोटी-मोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। किसानों को बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस योजना ने हमें आर्थिक रूप से मजबूत किया है। इस योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी का दिल से धन्यवाद करता हूं।

सिहमा गांव के ही 55 वर्षीय किसान श्याम सुंदर सिंह भी इस योजना की तारीफ करते नहीं थकते। उन्होंने बताया कि पहले खाद, बीज और अन्य छोटे-मोटे खर्चों के लिए उन्हें उधार लेना पड़ता था, लेकिन अब 6,000 रुपए की सालाना सहायता ने उनकी जिंदगी को आसान बना दिया है। अब न केवल वे कर्ज से मुक्त हैं, बल्कि कुछ बचत भी कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की इतनी चिंता करते हैं, इसके लिए हम उन्हें तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं।

वहीं, 40 वर्षीय किसान चंदन भी इस योजना से खुश हैं। दो-तीन बीघे जमीन पर खेती करने वाले चंदन बताते हैं कि बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएं उनकी खेती को प्रभावित करती हैं, लेकिन पीएम किसान सम्मान निधि योजना से मिलने वाली आर्थिक सहायता ने उनकी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि अब हमें उधार लेने की जरूरत नहीं पड़ती। किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना न केवल आर्थिक सहायता का स्रोत बनी है, बल्कि उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को भी बढ़ा रही है। यह योजना छोटे और लघु किसानों के लिए एक मजबूत सहारा बनकर उभरी है, जिससे उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। किसानों के लिए इतना सोचने वाले प्रधानमंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद।


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