पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे अखिलेश, दाखिल किया मैनपुरी के करहल से नामांकन
सपा मुखिया अखिलेश यादव आज मैनपुरी के करहल में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया

मैनपुरी, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पहली बार अपना भाग्य अजमाने जा रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव आज मैनपुरी के करहल में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया । यह समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती है और सैफई के बेहद नजदीक है। उन्होंने नामांकन दाखिल करने से पहले ट्वीटर में लिखा कि "ये नॉमिनेशन एक मिशन है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा! आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें। नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी। जय हिन्द।"
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जिले में तीसरे चरण में चुनाव प्रस्तावित है। 20 फरवरी को मतदाना होना है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। अखिलेश यादव सीधे कलक्ट्रेट पर पहुंचकर नामांकन किया । उनके यहां आने से सपा कार्यकतार्ओं में उत्साह है।
अखिलेश सैफई से करहल होते हुए कार से दोपहर एक बजे के करीब कलक्ट्रेट पहुंचें। यहां वह चार सेटों में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया । नामांकन के दौरान उनके साथ पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव और सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव मौजूद रहें। नामांकन को देखते हुए अखिलेश यादव रविवार शाम को ही सैफई पहुंच गए थे।
नामांकन में अब केवल दो दिन का ही समय शेष है। इसके बाद भी भाजपा ने अब तक यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल से ही चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में भाजपा यहां कोई मजबूत प्रत्याशी लाने का प्रयास कर रही है। जबकि बसपा ने मैनपुरी की जिस करहल सीट से अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं वहां से ने कुलदीप नारायन को टिकट दिया है।
सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश को करहल की जनता उन्हें प्रचंड मतों से जीत दिलाएगी। उनके साथ ही भोगांव और किशनी सीट से सपा प्रत्याशी ने भी नामांकन दाखिल किया
ज्ञात हो कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव तीन बार सांसद रहने के साथ विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।


