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गोवा की नदी का खारापन विद्युत कंडक्टरों को प्रभावित करता है, राज्य का दौरा करेगी केंद्रीय टीम

नदी किनारे के गांवों में खारेपन के कारण बिजली के कंडक्टरों में जंग लगने से नुकसान का सामना कर रही गोवा सरकार ने भूमिगत केबल बिछाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है

गोवा की नदी का खारापन विद्युत कंडक्टरों को प्रभावित करता है, राज्य का दौरा करेगी केंद्रीय टीम
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पणजी। नदी किनारे के गांवों में खारेपन के कारण बिजली के कंडक्टरों में जंग लगने से नुकसान का सामना कर रही गोवा सरकार ने भूमिगत केबल बिछाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है। राज्य के बिजली मंत्री सुदीन धवलीकर ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की एक टीम इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए तटीय राज्य का दौरा करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को केंद्रीय बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आर.के. सिंह के सामने हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में आयोजित बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान रखा था।

धवलीकर ने कहा- मैंने इसे (मुद्दे)को सम्मेलन में रखा, उस समय मंत्री ने मुझे एक महीने के भीतर एक टीम भेजने का आश्वासन दिया था ताकि नदी किनारे के गांवों के हर जगह का दौरा किया जा सके। अगर ऐसा होता है तो गोवा का 60 से 65 प्रतिशत क्षेत्र अंडरग्राउंड केबलिंग के दायरे में आ जाएगा।

उन्होंने कहा, यदि आप हमारी भौगोलिक स्थलाकृति देखें तो हमारे पास एक तरफ पश्चिमी घाट हैं और दूसरी तरफ हमारे पास मंडोवी और जुआरी नदी के साथ अरब सागर है, क्योंकि खारेपन के कारण बिजली के कंडक्टर खराब हो जाते हैं। गोवा में पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त की थी कि कर्नाटक में महादेई के पानी का मोड़ मंडोवी मुहाना में लवणता (खारेपन) को प्रभावित करेगा। गोवा में 103 किलोमीटर लंबी तटरेखा भी है।

विद्युत विभाग के एक इंजीनियर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, हमें खारेपन के कारण बिजली के कंडक्टरों के क्षरण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अगर अंडरग्राउंड केबलिंग की जाती है तो सरकार कंडक्टरों के प्रतिस्थापन पर खर्च होने वाले भारी धन की बचत करेगी।


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