छत्तीसगढ़: कबीर जयंती पर मांस और शराब की बिक्री बंद
छत्तीसगढ़ में अब कबीर जयंती पर शराब और मांस की बिक्री नहीं होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा आज की

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब कबीर जयंती पर शराब और मांस की बिक्री नहीं होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा रविवार को की। इस वर्ष कबीर जयंती 17 जून को होगी।
मुख्यमंत्री ग्राम सेमरिया (विकासखंड-आरंग) में कबीर पंथी साहू समाज के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर समाज की स्मारिका का विमोचन और लगभग 30 लाख रुपये की लागत से निर्मित छात्रावास भवन का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने भवन विस्तार के लिए 20 लाख रुपये मंजूर करने की भी घोषणा की।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर जैसे महापुरुष बिरले ही देखने को मिलते हैं। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर कठोरता से प्रहार किया।
गुरु और ईश्वर के प्रति प्रेम और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उनका पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित था। संत कबीर जैसी विभूतियों की आज सबसे ज्यादा जरूरत है। उनके बताए रास्ते पर चलकर देश और दुनिया उन्नति की राह पर काफी आगे बढ़ सकते हैं।
समारोह में गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू और नगरीय प्रशासन तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जन-जीवन पर संत कबीर और बाबा गुरु घासीदास का व्यापक प्रभाव है। उनके बताए रास्ते पर चलकर पूर्वजों के सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में लिंकिंग में धान देने वाले किसानों के खाते में 1248 करोड़ रुपये जमा करा दी गई है। आगामी बजट में किसानों की कर्जमाफी के लिए 6100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है।
सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंक से ऋण लेने वाले किसानों के साथ अन्य बैंकों से ऋण वाले किसानों के ऋण माफ करने के संबंध में राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंक के साथ अन्य बैंकों के ऋण माफ करने पर राज्य सरकार पर लगभग आठ हजार करोड़ रुपए का भार आएगा।
इसके साथ ही साथ 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी में भी लगभग चार हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
किसानों के लिए राज्य सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था करेगी। किसानों में समृद्धि आएगी, तो मजदूरों की मजदूरी बढ़ेगी, बाजार फलेंगे-फूलेंगे, नए-नए रोजगार धंधे शुरू होंगे और पूरे छत्तीसगढ़ में रौनक आएगी।
शराबबंदी के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज का सहयोग भी चाहिए। समाज में भी शराबबंदी को लेकर जन-जागरण होना चाहिए।
गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि माघ पूर्णिमा पर हर साल होने वाले राजिम कुंभ का नामकरण उसके ऐतिहासिक महत्व के अनुरूप 'राजिम माघी पुन्नी मेला' करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्योत्सव और इस प्रकार के अन्य सांस्कृतिक आयोजनों में छत्तीसगढ़ के कलाकारों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी।


