जिन पर भ्रष्टाचार के मामले हों दर्ज उनके रोके जाएं वेतन भत्ते
भ्रस्टाचारी अधिकारी कर्मचारियों को कार्यवाही के पश्चात निलंबित किया जाता है लेकिन जीवन निर्वाह भत्ता 3 महीने तक वेतन का 50% प्रतिशत एवं 3 महीने बाद 75% करने का प्रावधान है भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर आधा वेतन मिलने से इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।

कर्मचारी संघ ने पत्र में कहा है कि आए दिन भ्रष्टाचार के ऑडियो वीडियो आने व भ्रष्टाचार में लिप्त शासकीय सेवकों पर ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त द्वारा मामला दर्ज कर कार्यवाही होने पर करोड़ों रुपए की संपत्ति मिलती है ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को कार्यवाही के पश्चात निलंबित किया जाता है निलंबन के पश्चात जीवन निर्वाह भत्ता 3 महीने तक वेतन का 50% प्रतिशत एवं 3 महीने बाद 75% करने का प्रावधान है भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर आधा वेतन मिलने से इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।
पत्र में यह भी कहा गया है कि समाचार पत्रों में सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में पकड़े जाने के समाचार प्राप्त होते हैं। भ्रष्टाचार के कारण आम जनता परेशान रहती है विभागों में भी जो कर्मचारी शिकायत होने पर पकड़े जाते हैं पकड़े जाने पर वेतन मिलने के कारण अन्य कर्मचारी फिर भी इन गतिविधियों में लगे रहते हैं इसको दृष्टिगत रखते हुए शासन की जैसी मंशा है ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से जनता को सेवाएं मिले वह पूरी नहीं हो पाती लगातार भ्रष्टाचार के मामलों को दृष्टिगत रखते हुए निवेदन है जो भी अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में ट्रैप हो या अन्य भ्रष्टाचार के तरीकों में निलंबित हो ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को निराकरण ना होने तक जीवन निर्वाह भत्ता हेतु किसी प्रकार की राशि ना दी जाए।


