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मैदान में साक्षी नारंग, पार्टी की एकता हुई भंग

नगर निगम के वार्ड-19 के चुनाव में बखेडा हो चला है। मंत्री अतुल गर्ग की पहल पर भाजपा ने इस वार्ड से साक्षी नारंग को मैदान में उतारा है तो यहां के संगठन की एकता भंग हो गई है

मैदान में साक्षी नारंग, पार्टी की एकता हुई भंग
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गाजियाबाद। नगर निगम के वार्ड-19 के चुनाव में बखेडा हो चला है। मंत्री अतुल गर्ग की पहल पर भाजपा ने इस वार्ड से साक्षी नारंग को मैदान में उतारा है तो यहां के संगठन की एकता भंग हो गई है। भाजपा की पुरानी कार्यकर्ता राजेश्वरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर दिया है। निर्वतमान पार्षद लवली कौर ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं भाजपा नेता प्रदीप चौहान जहां साक्षी नारंग के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं वही पर उनकी पत्नी उर्मिला चौहान राजेश्वरी के पाले में जाकर पब्लिक से वोट और सपोर्ट मांग रही है। इसके अलावा भाजपा नेता जितेन्द्र गोयल व रमेश बंसल भी राजेश्वरी को चुनाव लड़ा रहे है।

भाजपा ने निकाय चुनाव से पहले एक नारा दिया कि अब की बार 80 पार, लेकिन इस चुनाव में यह नारा सिर्फ और सिर्फ नारा ही लग रहा है। पार्टी में उठे तूफान के बाद अब चुनाव से ऐन वक्त पहले भाजपा के कर्मठ और लगनशील कार्यकर्ता पार्टी को झटका दे रहे है। अभी हाल ही में वार्ड नंबर-70 जनकपुरी से भाजपा की कर्मठ प्रत्याशी रूचि गर्ग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर गई है। उसके बाद भाजपा से पार्षद लवली कौर ने भी शुक्रवार को भाजपा के समस्त पदों, सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।

शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में पार्षद लवली कौर ने संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि भाजपा ने मेरे प्रति उपेक्षित व्यवहार करते हुए पिछड़े समाज का निरादर किया है। लवली कौर ने बताया कि भाजपा में वह एकमात्र सिख महिला पार्षद है और पार्षद टिकट न देकर पूरे सिख समाज का अपमान किया है। इसलिए भाजपा के सभी पदों, सदस्यता से त्याग पत्र दे रही हूं। लवली कौर ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि मैंने अपने बीमार पति की परवाह किए बिना विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अतुल गर्ग का जमकर प्रचार-प्रसार किया। उसके बाद अतुल गर्ग विधायक भी बने और मंत्री भी।

लेकिन उन्होंने मेरे बीमार पति और उनकी मौत के बाद भी शोक संवेदना का एक भी शब्द व्यक्त नहीं किया। क्या यह संगठन और राज्यमंत्री अतुल गर्ग की मेरे प्रति संवेदनहीनता नहीं तो और क्या है। फिर निकाय चुनाव में सभी निवर्तमान पार्षदों को टिकट दिया गया। परंतु मुझे सिख समाज की एकमात्र महिला पार्षद होने के कारण मेरा टिकट काट दिया गया। यह मेरा ही नहीं पूरे सिख समाज का अपमान है। इसलिए सिख समाज का अपमान न सहन करते हुए भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं।


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