एक कमरे में संचालित हो रहा सखी सेंटर
महिलाओं का परिवार टूटने से बचाने के साथ-साथ उन्हें न्याय दिलाने के उद्देश्य से जिला अस्पताल परिसर में सखी वन स्टाप सेंटर खोला गया है...

बेमेतरा। महिलाओं का परिवार टूटने से बचाने के साथ-साथ उन्हें न्याय दिलाने के उद्देश्य से जिला अस्पताल परिसर में सखी वन स्टाप सेंटर खोला गया है। लेकिन सुविधाओं के अभाव में सखीसेंटर के औचित्य पर सवाल खडे हो रहे हैं। वर्तमान सखी सेंटर एक मात्र कमरे में संचालित हो रहा है। जहां विभागीय स्टाफ के साथ पीडितों के लिए प्रसाधन पानी जैसी मुलभूत सुविधांए नहीं है। परिणाम स्वरूप सेंटर में पीड़ित महिलाओं के रूकने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
गौरतलब हो कि करीब दो माह पूर्व केन्द्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के तहत जिला अस्पताल परिसर में अनिरूद्व अग्रवाल धर्मशाला में सखी सेंटर खोला गया। जहां व्यवस्था के नाम पर केवल एक कमरे में सारी वस्तुंए समेट दी गई है। उसी कमरे में कार्यालय संचालन के साथ-साथ पीड़ित महिलाओं के रूकने के लि एक मात्र बिस्तर लगाया गया है। जिला प्रशासन शासन से पर्याप्त आवंटन मिलने के बावजूद अब तक सखी सेंटर में मुलभूत सुविधाओं से सबंधित व्यवस्था बनाने में नाकाम रहा है।
काउसलिंग के बाद सतत मानीटरिंग- केन्द्र प्रमुख जोशी ने बताया कि सखी सेंटर मे घरेलू हिंसा से पीडित महिला तलाक के कगार पर पहुंच चुके पति-पत्नी को काउंसलिंग देने के साथ विधिक सहायता प्रदान की जाती है। सखी सेंटर में घरेलू हिंसा में घायल पीड़िता के इलाज की व्यवस्था होती है। वहीं तलाक के आवेदन किए प्रकरणों में पति-पत्नी के काउंसलिंग के पश्चात सतत् मानीटंरिग की जाती है। ताकि प्रकरणों की सफलता सुनिश्चित की जा सके। वहीं सखी सेंटर में दर्ज हुए प्रकरणों की जानकारी जिला कार्यालय के माध्यम से स्टेट को भेजी जाती है। स्टेट की टीम के द्वारा प्रकरणों की सतत मानीटरिंग की जाती है।
विभागो से नहीं मिल रहा सहयोग- जोशी ने बताया कि महिला व बाल विकास विभाग के अंतर्गत सखी सेंटर का सचंालन हो रहा हैं लेकिन विधिक शाखा पुलिस विभाग व स्वास्थ्य विभाग को भी सेंटर के संचालन में शासन के निर्देशानुसार सहयोग प्रदान करना है। इन विभागों से सबंधित एक-एक कर्मी को सेंटर मे रहना है लेकिन अब तक उक्त विभागों द्वारा एक भी कर्मी को सेंटर नही भेजा गया है। विधिक शाखा से पीड़ित महिला को कानून की जानकारी के साथ न्यायालयीन प्रक्रिया में नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की जानकारी देने एक कर्मी पुलिस विभाग सेे सेंटर मे महिला होम गार्ड की तैनाती व पीड़िता के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सेंटर में तैनाती होनी थी।
बिजली पानी बिन सब सून-केन्द्र प्रमुख निवेदिता जोशी ने बताय कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में सरकार की इस महत्ती योजना के क्रियान्वयन में काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। सेंटर में बिजली की आपूर्ति सुचारू रूप से नहींं हो रही है। घंटो बिजली बंद रहती है। इस सबंध मे जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र लिखा है।
खरीदना पड़ रहा भोजन-महिला व बाल विकास विभाग से सखी सेंटर के संचालन के लिए आवश्यक सामाग्री पलंग 3 नग फ्रीज कूलर चूल्हा बर्तन टेबल कुर्सी आदि देना बताया गया। लेकिन गैस सिलेंडर व किचन शेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण पीड़िता के लिए भेाजन नहीं बन पा रहा है। केंटीन से भेाजन मंगाना पड रहा है।
दर्जन भर प्रकरणों में काउंसलिंग- केन्द्र प्रमुख ने बताया कि सखी सेंटर के शुभांरभ से लेकर आज तक दो माह से घरेलू हिंसा का एक प्रकरण नही आया है। वही पति-पत्नि के आपसी विवाद व अलगांव के 12 प्रकरण पहुचे है। ज्यादातर प्रकरणों मे काउंसलिंग जारी है। बताया गया कि एक बार में काउंसिंलग के दौरान प्ररकण नहीं सुलझने की स्थिति में दोनो पक्षो को तीन से चार बार बुलाया जाता है।


