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क्रांतिकारियों की वीरगाथा बयां करती है सेण्ट मैरी चर्च

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बढचढ कर हिस्सा लेने वाले शाहजहांपुर के क्रांतिकारियों की वीर गाथा सेंट मैरी चर्च की दीवारें आज भी गर्व से बयां कर रही हैं

क्रांतिकारियों की वीरगाथा बयां करती है सेण्ट मैरी चर्च
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शाहजहांपुर। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले शाहजहांपुर के क्रांतिकारियों की वीर गाथा सेंट मैरी चर्च की दीवारें आज भी गर्व से बयां कर रही हैं।

वर्ष 1857 की क्रांति के 21वें दिन जीएफ कालेज के सामने स्थित सेण्ट मैरी चर्च पर क्रांतिकारियों ने योजनाबद्ध ढंग से रविवार की प्रार्थना के वक्त अंग्रेज हाकिमों पर धावा बोल दिया था।

क्रांतिकारियों ने तत्कालीन कलेक्टर समेत ज्यादातर अंग्रेज अफसरों को दौड़ा-दौड़ाकर मौत के घाट उतार दिया था।

प्रसिद्ध इतिहासकार व शाहजहांपुर के इतिहास के रचयिता नानक चन्द्र महरोत्रा की पुस्तक शाहजहांपुर गजेटियर में इस रोमांचक और साहसिक कहानी को बयां किया गया है, बल्कि बॉलीवुड में भी इसी क्रांतिकारी घटना को लेकर शशी कपूर अभिनीत की फिल्म जुनून में भी इसे बखूबी फिल्माया गया है।

गजेटियर के अनुसार आज शहर में जिस जगह जीएफ डिग्री कॉलेज है, उस समय यहां डूडे खां का बाग होता था।

बाग के ठीक सामने सेण्ट मैरी चर्च स्थित है।

10 मई 1857 को मेरठ से क्रांति की शुरूअात हो गयी थी।
इसके मद्देनजर अंग्रेज शासकों ने सभी जिलों से क्रांतिकारियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी तलब की थी।


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