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मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने कर्तव्य निभा रहा सैनिक स्कूल : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैनिक स्कूल की भूमिका को रेखांकित करते हुए बुधवार को यहां कहा कि सैनिक स्कूल मातृभूमि की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दिखाई दे रहा है

मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने कर्तव्य निभा रहा सैनिक स्कूल : योगी
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लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैनिक स्कूल की भूमिका को रेखांकित करते हुए बुधवार को यहां कहा कि सैनिक स्कूल मातृभूमि की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी कैप्टन मनोज पांडेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के हीरक जयंती समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को पुष्पाजंलि के साथ हुई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "सैनिक स्कूल मातृभूमि की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दिखाई दे रहा है। यूपी का यह सैनिक स्कूल विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। प्रशासन, चिकित्सा, रक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टतम अधिकारी और अच्छे सैनिक देकर यह अपने आप को गौरवान्वित कर रहा है।"

उन्होंने कहा, "कैप्टन मनोज पांडेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के हीरक जयंती कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर मैं आप सबको बधाई देता हूं और पूरे वर्ष भर चलने वाले सभी कार्यक्रमों के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं इस अवसर पर मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले उन सभी जवानों को कोटि-कोटि नमन करते हुए श्रद्घांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने आपको बलिदान कर दिया। आज के इस अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल की स्थापना के शिल्पी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद जी को श्रद्घांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश के पहले सैनिक स्कूल की आधारशिला रखी।"

उन्होंने कहा, "अगर हम लोग किसी व्यक्ति के जीवन की बात करें, तो साठ साल की आयु उस व्यक्ति के कार्यकाल की प्रौढ़ावस्था होती है। जो बात किसी व्यक्ति के जीवन में अक्षरश: सही बैठती है, वही बात किसी संस्था के लिए भी अक्षरश: सही बैठती है।"

योगी ने कहा, "कारगिल युद्घ के समय जब पाकिस्तान की सेना ने भारत भूमि में घुसने का दुस्साहस किया था और देश पर जबरन एक युद्घ थोपने का कुत्सित प्रयास हुआ था, उस समय भी हमारे बहादुर जवानों ने दुश्मन की सेनाओं को भारत भूमि से खदेड़ दिया था। हमारे सैनिकों ने दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर किया था, सैनिकों का पराक्रम देश ने देखा और महसूस किया है। कैप्टन मनोज पांडेय, इस विद्यालय की उसी विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।"


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