साहित्य अकादमी ने कवि डा. सी. नारायण रेड्डी के निधन पर जताया शोक
साहित्य अकादेमी के सचिव के.श्रीनिवास राव ने देश के मशहूर कवि डॉ. सी. नारायण रेड्डी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी के सचिव के.श्रीनिवास राव ने देश के मशहूर कवि डॉ. सी. नारायण रेड्डी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे भारत के एक ऐसे विशिष्ट कवि थे, जिनके निधन से समस्त कविता-प्रेमियों, साहित्य संस्थानों और देश के महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं की गहरी क्षति हुई है।
तेलुगु काव्य साहित्य के प्रेमियों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कविताएं सदैव सतेज और प्रभावी रही और पूर्व निर्धारित स्वर और स्वरूप से सर्वथा अलग होती हुई भी अपने समय के सरोकारों और सामान्यजन से जुड़ी रहीं।
ऋतुचक्रम् से विश्वंभरम् और गाडिलोसमुद्रम् तक विस्तृत उनकी असंख्य कविताएं फ़िल्मों में भी सुनाई दी और वे तेलुगु भाषा-भाषी लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हुईं। उनकी कविताओं ने कई आहत हृदयों को सांत्वना दी और वंचित तथा विपन्न लोगों को प्रकाश देते और उनके दु:खों को दूर करते हुए, सामाजिक न्याय की माँग की ताकि उन्हें पर्याप्त भोजन ही नहीं बल्कि उनके विचारों के उदात्त स्वर प्राप्त हों। उनके निधन से साहित्य अकादेमी ने एक अत्यंत घनिष्ठ मित्र, एक संरक्षक और मार्ग-दर्शक खो दिया।
अपनी साहित्यिक प्रतिभा के कारण साहित्य अकादेमी पुरस्कार और तथा भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान के साथ साहित्य की महत्तर सदस्यता भी उन्हें प्राप्त हुई, जो भारतीय साहित्य के प्रतिमानों को प्रदान की जाती है। उनका भौतिक शरीर अब हमारे बीच नहीं है लेकिन दिवंगत नारायण रेड्डी हमारे हृदय और हमारी चेतना में अपनी अमर कृतियों के साथ सदैव विद्यमान रहेंगे।


