दलित युवक पर जानलेवा हमला
सागर ! केसली थाना अन्तर्गत ग्राम गैरसला निवासी रणधीर अहिवार उम्र 28 वर्ष को क्षेत्र के दबंगों ने सामूहिक रूप से इतना पीटा कि उसकी जान पर बन आई।

सागर ! केसली थाना अन्तर्गत ग्राम गैरसला निवासी रणधीर अहिवार उम्र 28 वर्ष को क्षेत्र के दबंगों ने सामूहिक रूप से इतना पीटा कि उसकी जान पर बन आई। बिना किसी कारण के हरिजन युवक के साथ की गई इस मारपीट में इस गंभीर हालत में उसे तुरंत ही अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसके चेहरे पर पीठ पर पैरों में तथा दोनों हाथों में गंभीर चोटें पाई गई है लेकिन जब यहीं युवक अपनी शिकायत लेकर पुलिस थाना पहुंचा तो थाना में उसकी एफआईआर लिखने से ही मना कर दिया गया। इसके बाद पीडि़त के परिजन क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधियों के यहां पहुंचे और जनप्रतिनिधियों ने थाना प्रभारी को पीडि़त पक्ष की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा तो थाना प्रभारी द्वारा रिपोर्ट तो लिखी गई लेकिन साधारण मारपीट की एफआईआरदर्ज कर ली गई। और आरोपियों को बचाने का प्रयास थाना प्रभारी द्वारा ही शुरू कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार रणवीर अहिरवार द्वारा अजाक्स थाना डीएसपी को सौंपे गये ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि केसली निवासी मुन्ना उर्फ अनिल सिंघई, अतुल भाई वैश्य उर्फ सानू, सुधीर भाई वैश्व, विवेक मोदी, दीपेश बडक़ुल एवं एक अन्य ने सामूहिक रूप से उसके ऊपर जानलेवा हमला करते हुए जातिगत रूप से अपमानित किया तथा जान से मारने की धमकी देते हुए गांव छोडऩे को कहा है। फरियादी ग्राम वैरसला तहसली केसली का निवासी है। 28 मार्च की रात्रि को साढ़े 9 बजे केसली से वैरसला अपने गांव जा रहा था। तभी पेट्रोल पंप के आगे मंडी गेट के पास मुन्ना उर्फ अनिल सिंघई, अतुल भाई विवेक, दीपेश एवं एक अन्य जिसे मैं शक्ल से पहचानता हूं। वह मिले और गाली देने लगे।
बिना किसी कारण के गाली गलौच करने पर मैंने उन्हें पूछा कि क्या गलती हो गई तो कहने लगे कि तूने अभी तक उधार लिये पैसे क्यों नहीं लौटाये है। फरियादी ने कहा कि मजदूरी कर रहा हूं जैसे ही रूपये मिलेंगे मैं लौटा दूंगा। इस पर सामूहिक रूप में खड़े दीपेश ने उसकी साइकिल में लात मारकर गाली देना शुरू कर दिया और उसे पटक दिया। इस घटना में रणवीर बुरी तरह घायल हो गया और उसके चेहरे पर गंभीर चोटें आई है। इसके अलावा कमर हाथ पैरों में भी चोटे है। आवेदक चिल्लाता रहा तो आसपास के लोग एकत्रित होकर पिटाई करने वाले लोगों को समझाने लगे इसके बाद भी दबंगों द्वारा गाली गलौच देते हुए गांव छोडऩे तथा रिपोर्ट करने पर जान से खत्म कर देने की धमकी देते रहे। फरियादी ने ज्ञापन में यह भी कहा है कि घटना की रिपोर्ट करने वह केसली थाना गया जहां पर उसके कहे अनुसार थाना प्रभारी ने न तो रिपोर्ट दर्ज की और मात्र मुलायजा कराकर थाना से ही भगा दिया।
घटना के बाद उसके भाई भूपेंद्र पहुंचे और उन्होंने केसली के प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधियों को घटना की जानकारी दी और थाना में रिपोर्ट न लिखे जाने की बात बताई। जनप्रतिनिधियों ने थाना प्रभारी को पीडि़त पक्ष की शिकायत सुनने एवं दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही तो थाना प्रभारी ने केवल सामान्य मारपीट की धारायें लगाते हुए मामला दर्ज कर लिया।
नाम सुन थाना प्रभारी ने भगाया
केसली थाना में दबंगों का प्रभाव इतना है कि उनके खिलाफ शिकायत सुनना भी पुलिस अधिकारी मुनासिब नहीं समझते । आदिवासी बाहुल्य केसली क्षेत्र में आदिवासियों एवं दलितों की खिलाफ उत्पीडऩ की अनेक शिकायतें होने के बाद या तो उनकी रिपोर्ट ही नहीं लिखी जाती या फिर समझा बुझा कर थाना से भगा दिया जाता है। थाना प्रभारी किस तरह से नियम कानूनों को ताक पर रखकर दबंगों के प्रभाव में कार्य कर रहे है इसकी बानगी रणवीर अहिरवार के साथ हुई घटना एवं उसके द्वारा अजाक्स थाना डीएसपी को सौंपे गये ज्ञापन से उजागर होती है। रणवीर का कहना है कि थाना में उसने जब मारपीट करने वाले दबंगों के नाम बोले तो थाना प्रभारी ने उसे थाना से ही भगा दिया। जबकि, 40 मिनिट तक उसके साथ लातघूसों के साथ बीच सडक़ पर जानलेवा हमला किया गया। जातिगत रूप से अपमानित किया गया लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। रिपोर्ट लिखाने के लिए ही उन्हें दूसरे लोगों से मदद की गुहार लगानी पड़ी तब कहीं जाकर रिपोर्ट लिखी गई।


