सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षित वाहन भी जरूरी: कपिला
आईआरएफ का कहना है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में होने वाली मौतों को रोकने के लिए केवल बेहतर सडकें बनाना ही पर्याप्त नहीं है,

नयी दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) का कहना है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में होने वाली मौतों को रोकने के लिए केवल बेहतर सडकें बनाना ही पर्याप्त नहीं है, वाहनों में यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा उपाय भी करने होंगे।
आईआरएफ के अध्यक्ष किरण कुमार कपिला ने आज यहां बताया कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है और पांच लाख से अधिक घायल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि केवल अच्छी सड़कों से ही सड़क दुर्घटनाओं को नहीं रोका जा सकता। इसके लिए सुरक्षित वाहन भी आवश्यक हैं।
कपिला ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 14 से 17 नवम्बर तक आयोजित किए जाने वाले 18वें विश्व सड़क सम्मेलन में सुरक्षा और स्मार्ट मोबिलटी को केन्द्र बिन्दु बनाकर देश-विदेश के विशेषज्ञ मंथन करेंगे और सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि 2010 में संयुक्त राष्ट्र में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके तहत भारत को 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या आधी किये जाने का लक्ष्य था। लेकिन, सात साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में विशेष सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को लेकर भी सम्मेलन में विचार किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से नया मोटर वाहन विधेयक लोकसभा में पारित किया जा चुका है। यह विधेयक राज्यसभा में लंबित है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इसे पारित करने में सहयोग की अपील की।
सम्मेलन से पहले दिन 13 नवंबर को विश्व के 10 देशों के परिवहन मंत्री सड़क सुरक्षा पर विचार-विमर्श करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्ढा उद्धघाटन सत्र को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में सड़क सुरक्षा के विशेष राजदूत जीन टोट के अलावा कई विशेषज्ञ भी अपनी राय रखेंगे।
कपिला ने बताया कि इस बार के सम्मेलन का थीम “सुरक्षित सड़क और स्मार्ट मोबिलटी : आर्थिक विकास का इंजन” होगा। सत्र के दौरान 44 तकनीकी सत्र और कई विशेष सत्र होंगे जिसमें सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उपायों पर विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे।
सम्मेलन का आयोजन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नीति आयोग, प्रमुख राष्ट्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल तथा कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है।


