Top
Begin typing your search above and press return to search.

डीजल तथा पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के विरोध में शिअद का सदन से बहिर्गमन

शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने आज बैलगाड़ियों से विधानसभा पहुंच कर डीजल तथा पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों से राहत देने से इंकार करने पर विरोध दर्ज कराया

डीजल तथा पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के विरोध में शिअद का सदन से बहिर्गमन
X

चंडीगढ़ । शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने आज बैलगाड़ियों से विधानसभा पहुंच कर डीजल तथा पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों से राहत देने से इंकार करने पर विरोध दर्ज कराया और सदन से वाकआउट किया।

शिअद के सदस्यों ने इस मुददे पर विधानसभा से वाकआउट किया क्योंकि सरकार ने उन्हें आश्वासन देने से इंकार कर दिया कि वो वैट के रूप में लगाए जाने वाले पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य कर को कम करेगी।

अकाली दल विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा बिक्रम सिंह मजीठिया की अगुवाई में विधायकों ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया बैलगाड़ियों पर जाकर कांग्रेस सरकार का मंहगाई की ओर ध्यान केंद्रित किया । वे पेट्रोलियम उत्पादों पर कीमतों में कम से कम पांच रूपये प्रति लीटर की कमी करने की मांग कर रहे थे।

ढिल्लों ने शून्यकाल के दौरान इस मुददे को उठाया तथा सरकार से आश्वासन की मांग की कि वह पेट्रोल तथा डीजल पर वैट तुरंत कम करे। जब सत्ता पक्ष ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया तो अकाली दल के विधायकों ने इस मुददे पर वाॅकआउट किया।

ढ़िल्लों ने कहा कि अकाली दल राज्य सरकार के साथ मिलकर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र से संपर्क करने के लिए तैयार है। हम दिल्ली जाने तथा इस मुददे पर विरोध प्रदर्शन के लिए भी तैयार हैं। हालांकि ऐसा करने से पहले कांग्रेस सरकार को पेट्रोल तथा डीजल पर वैट घटाकर किसानों तथा आम आदमी की मदद के लिए आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेट्रोल 27.5 फीसदी तथा डीजल पर 17.5 फीसदी वैट देश में सबसे अधिक है।

बाद में कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि कांग्रेस सरकार जल्द ही इस मामले में कुछ राहत दे सकती है।

मजीठिया और ढिल्लो ने पत्रकारों से कहा कि पंजाब में पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जा रहे भारी वैट को कम करने की जिम्मेदारी वित्तमंत्री मनप्रीत बादल तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की है। ऐसा करने की बजाय कांग्रेस सरकार केंद्र के साथ एक तय मैच खेल रही है क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के परिणामस्वरूप वैट में इसी तरह की बढ़ोत्तरी हुई। इस मुददे से निपटने के बजाय राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी केंद्र को शिफ्ट करने की कोशिश कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it