सबरीमाला मंदिर : श्रद्धालुओं ने कहा, पारंपरिक धार्मिक रीति निभा रहे थे
रल के मशहूर सबरीमाला मंदिर के नवनिर्मित स्वर्ण-जटित ध्वज-स्तंभ को क्षतिग्रस्त करने के आरोप में हिरासत में लिए गए पांच श्रद्धालुओं ने तोड़-फोड़ के आरोपों से इनकार किया है

सबरीमाला (केरल)। केरल के मशहूर सबरीमाला मंदिर के नवनिर्मित स्वर्ण-जटित ध्वज-स्तंभ को क्षतिग्रस्त करने के आरोप में हिरासत में लिए गए पांच श्रद्धालुओं ने तोड़-फोड़ के आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने जो किया, वह एक धार्मिक रीति थी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस महानिरीक्षक मनोज अब्राहम ने बताया कि हिरासत में लिए गए विजयवाड़ा के पांचों लोगों का दावा है कि वे एक पारंपरिक धार्मिक रीति निभा रहे थे। रविवार को मंदिर के ध्वज-स्तंभ पर पारे में लिपटा कपड़ा फेंका गया था, जिससे ध्वज-स्तंभ का निचला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
अब्राहम ने कहा, "उनका कहना है कि उनके गृहनगर में यह एक धार्मिक रीति है। उनके बयान में किसी तरह की असंगतता नहीं पाई गई। जब घटना घटी, वे सभी इस रिवाज को निभाते हुए तस्वीरें ले रहे थे।"
अब्राहम ने कहा कि आंध्र प्रदेश के पुलिस अधिकारी सोमवार को यहां आएंगे और केरल पुलिस की भी एक टीम विजयवाड़ा जाने वाली है।
उन्होंने कहा, "हिरासत में लिए गए पांचों श्रद्धालु सबरीमाला मंदिर नियमित तौर पर आते रहते हैं।"
रविवार को इन श्रद्धालुओं ने पारे में लिपटा कपड़ा ध्वज-स्तंभ पर फेंका था, जिसके चलते ध्वज-स्तंभ पर जड़ा स्वर्ण-पत्र उखड़ गया। संदिग्धों की पहचान मंदिर पर लगे सीसीटीवी फूटेज से हुई।
पुलिस ने संदिग्धों के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने का मामला दर्ज किया है।
सबरीमाला मंदिर पर रविवार को ही नया स्वर्ण जटित ध्वज-स्तंभ स्थापित किया गया था, जिसे आंध्र प्रदेश के एक श्रद्धालु कारोबारी ने दान दिया था। ध्वज स्तंभ की कीमत 3.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है।


