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सबरीमाला :विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी

सबरीमाला मंदिर के दो माह के तीर्थ सत्र के लिए खुलने के एक हफ्ते बाद कड़ी सुरक्षा और राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आई

सबरीमाला :विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी
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सबरीमाला (केरल) । सबरीमाला मंदिर के दो माह के तीर्थ सत्र के लिए खुलने के एक हफ्ते बाद कड़ी सुरक्षा और राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बीते सत्र के शुरुआती सप्ताह में जहां पांच लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर का दर्शन किया था, इस बार केवल 1.42 लाख लोग ही यहां आए।

'अप्पम' (केक के स्थानीय प्रकार) और 'अरावन' (पायासेम) के ब्रिकी में भी कमी आई है, जिसके बाद अधिकारियों को इसके उत्पादन को धीमा करना पड़ा है।

सर्वोच्च न्यायलय ने 28 सितंबर को 10-50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी, जिसके खिलाफ हिंदू समूहों ने प्रदर्शन किए। इसके मद्देनजर पुलिस ने तीर्थाटन के नियम कड़े कर दिए गए, जिसे तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी होने का कारण माना जा रहा है।

सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवंबर को सितंबर में दिए अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

राज्य में माकपा की अगुवाई वाली वाम मोर्चे की सरकार शीर्ष अदालत के इस निर्णय को लागू करवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और कई हिंदू संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

मंदिर के समक्ष प्रदर्शन करने वाले 72 श्रद्धालुओं को बुधवार को जमानत के बाद रिहा कर दिया गया।

प्रदर्शन से हालांकि श्रद्धालुओं को एक तरीके से फायदा भी हुआ है। वे अब आराम से भगवान के समक्ष प्रार्थना कर रहे हैं।

पिछले वर्ष इसी सत्र के दौरान, मंदिर के गर्भगृह की ओर जाने वाला फ्लाइओवर श्रद्धालुओं से भरा रहता था। इस सप्ताह अधिकतर समय यह खाली रहा।

एक श्रद्धालु ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, "मैं यहां पिछले 18 वर्षो से आ रहा हूं। इस बार मैं अपने दोनों हाथों से 18 पवित्र सीढ़ियों को छूते हुए चढ़ सका, जो मैं इतने सालों तक भारी भीड़ की वजह से नहीं कर सका था।"

राज्य के देवासम मंत्री के. सुरेंद्रन ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि सबरीमाला में स्थिति सामान्य है।

उन्होंने कहा, "सच्चे श्रद्धालुओं को कोई समस्या नहीं है। पाबंदियां केवल असामाजिक तत्वों के लिए हैं।"

केरल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद, पांबा से मंदिर जाने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है।


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