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एस. जयशंकर, राजनयिक, से बने प्रशासक

पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया

एस. जयशंकर, राजनयिक, से बने प्रशासक
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नई दिल्ली। पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान विदेश नीति को आकार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अपनी सूझबूझ, कुशाग्रता और असाधारण क्षमता के लिए जाने जाने वाले भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी (64) एस. जयशंकर ने गुरुवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, हालांकि वह संप्रति संसद के दो में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

1977 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी जयशंकर विदेश मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वह अमेरिका और चीन जैसे देशों में भारत के राजदूत रहे हैं।

जनवरी 2015 से लेकर जनवरी 2018 तक विदेश सचिव रहते हुए उन्होंने मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उनकी विदेश नीति को आकार प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके चलते खासतौर से अमेरिका और अरब देशों समेत प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंध को महत्वपूर्ण विकास व विस्तार मिला।

विदेश सचिव बनने से पहले वह 2013 से अमेरिका में भारत का राजदूत रहे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी प्रशासन और मोदी सरकार को करीब लाने में बड़ी भूमिका निभाई।

उन्होंने सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की पहली अमेरिका यात्रा की योजना तैयार की और इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई, जब मोदी ने अमेरिका के मेडिसन स्क्वेयर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया।

जयशंकर को जनवरी में देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया।

उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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