Top
Begin typing your search above and press return to search.

यदि यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले, तो रूस उसके साथ बातचीत को तैयार : पुतिन

स्विट्जरलैंड में यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन से पहले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि अगर यूक्रेन डोनबास, खेरसॉन और जापोरिज्जिया से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुला ले, तो रूस उसके साथ बातचीत को तैयार है

यदि यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले, तो रूस उसके साथ बातचीत को तैयार : पुतिन
X

मॉस्को। स्विट्जरलैंड में यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन से पहले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि अगर यूक्रेन डोनबास, खेरसॉन और जापोरिज्जिया से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुला ले, तो रूस उसके साथ बातचीत को तैयार है।

आरटी के मुताबिक पुतिन ने विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा," कीव द्वारा सैनिकों की वापसी की घोषणा करने और नाटो में शामिल होने की योजना को छोड़ने पर हम उसके साथ संघर्ष विराम और बातचीत शुरू कर देंगे।"

रूसी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि यदि पश्चिम देश और यूक्रेन फिर से उसके शांति प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं, तो भविष्य में रक्तपात के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।

उन्होंने कहा कि रूस अस्थायी युद्ध विराम नहीं, बल्कि स्थायी शांति चाहता है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

राष्ट्रपति पुतिन ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन की सरकार को देश की रूसी भाषी आबादी के अधिकारों और स्वतंत्रता की भी गारंटी देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इन सभी समझौतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जानी चाहिए और रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए।

रूसी राष्ट्रपति ने 15 और 16 जून को स्विट्जरलैंड में प्रस्तावित यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन को कीव की वर्तमान सरकार को वैधता देने की कोशिश करार दिया। क्योंकि यूक्रेनी नेता व्लादिमीर जेलेंस्की का राष्ट्रपति कार्यकाल पिछले महीने समाप्त हो चुका है। उन्होंने इस साल होने वाला राष्ट्रपति चुनाव भी रद्द कर दिया है।

पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के साथ संघर्ष शुरू होने के समय क्रीमिया प्रायद्वीप के लिए भूमि गलियारे की सुरक्षा की गारंटी देने पर मॉस्को खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों पर सैद्धांतिक रूप से कीव को संप्रभुता बनाए रखने के लिए तैयार था। ये क्षेत्र अब रूस का हिस्सा बन गए हैं।

उन्होंने कहा, "हालांकि, बाद में, इन दोनों क्षेत्रों के निवासियों ने जनमत संग्रह में रूस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की।"

उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध सांस्कृतिक रूप से करीबी दो देशों के बीच संघर्ष नहीं है, बल्कि यह "आक्रामक" और "लापरवाह" पश्चिमी नीतियों का परिणाम है।

राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी संपत्तियों को जब्त करने के पश्चिमी देशों के निर्णय को "चोरी" करार दिया और ऐसा करने वालों को दंडित करने का संकल्प लिया। उन्होंने दावा किया कि रूस की संपत्तियों को यूक्रेन में स्थानांतरित करने का कदम वैश्विक वित्तीय प्रणाली को तहस-नहस कर देगा।

पश्चिमी देशों के इस दावे को खारिज करते हुए कि रूस नाटो देशों पर हमला कर सकता है, उन्होंने कहा कि यह "पूरी तरह बकवास" है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश हथियारों की होड़ को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि यूरोप के लिए मुख्य खतरा रूस से नहीं, बल्कि सैन्य, राजनीतिक, तकनीकी और वैचारिक रूप से अमेरिका पर उसकी निर्भरता से है।

उन्होंने कहा कि उनके देश और नाटो के पास सह-अस्तित्व और साथ मिलकर काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि वे एक ही महाद्वीप पर स्थित हैं। खराब संबंधों के बावजूद इस वास्तविकता को झुठलाया नहीं जा सकता।

इस अवसर पर विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी मौजूद थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it