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फिंगेश्वर जनपद में नहीं चलते मनरेगा के नियम

कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा एवं लेखापाल ने स्वीकृत किया। लेकिन जनपद पंचायत सीईओ ने बिल को स्वीकृत नहीं किया लेकिन नोट शीट ओर चेक बुक में हस्ताक्षर कर बिल पास कर दिया

फिंगेश्वर जनपद में नहीं चलते मनरेगा के नियम
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राजिम। गरियाबंद जिले के फिगेश्वर जनपद पंचायत में मनरेगा के तहत किये गये निर्माण कार्य में भर्रा शाही है । दुकानदार साहू ट्रेडर्स फूलझर ने सरपंच बोडकी को शौचालयों के निर्माण के लिए लाखों रुपये का मटेरियल सप्लाई करने का बिल दिया लेकिन सरपंच या हितग्राहियों का नाम का उल्लेख नहीं किया सिर्फ सामग्री ओर रुपये का उल्लेख करते हुए बिल जारी कर दिया समान किसको बेचा गया है यह पता नहीं है लेकिन सरपंच सचिव ने बिल पास करके जनपद पंचायत के मनरेगा शाखा में प्रस्तुत कर दिया।

जिसे कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा एवं लेखापाल ने स्वीकृत किया। लेकिन जनपद पंचायत सीईओ ने बिल को स्वीकृत नहीं किया लेकिन नोट शीट ओर चेक बुक में हस्ताक्षर कर बिल पास कर दिया। जनपद पंचायत फिगेश्वर द्वारा इस तरह अनेको बिल को पास कर दिया गया है कमीशन खोरी के चलते नियम कानून को ताक में रखकर त्रुटि पूर्ण फर्जी कोरे बिल को पास कर यह साबित कर दिया है कि जनपद पंचायत फिगेश्वर में नियम कायदे से बढकर कमीशन की राशि है।

गरियाबंद जिले के छुरा विकास खण्ड मैनपुर विकास खंड गरियाबंद विकास खण्ड में मनरेगा के निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया लेकिन जिला प्रशासन ने घोटाले का कोई जांच-पड़ताल नहीं कराया जा रहा है जिसके चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं।

आर टी आई कार्यकर्ता मनोज सिंह ने कहा कि गरियाबंद जिला भरस्टाचारीओ का गढ़ है चाहे मनरेगा के भरस्टाचार हो या शौचालय निर्माण का भरस्टाचार हो सारा सिस्टम ही प्रतिसत पर आधारित है गरियाबंद जिला भरस्टाचारीओ के हांथो की कठपुतली बन चुका है ।

ऊपर से नीचे तक सब कुछ प्रतिशत पर ही होता है अगर जिला में एक प्रतिशत कर्मचारी भी ईमानदार होता तो भरस्टाचार की जांच जरूर होती और दोषियों पर कार्यवाही भी होती किंतु भरस्टाचार के सारे सबूत प्रस्तुत करने पर भी जिला प्रशासन मूक दर्शक बन गया है जिससे स्पस्ट होता है कि जिला का सारा सिस्टम भरस्टाचार में डूब चुका है


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