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बरेली में जन्माष्टमी की शोभायात्रा के दौरा बवाल, पथराव

उत्तर प्रदेश में बरेली के देवरनिया क्षेत्र में दो स्थानों पर कृष्णा जन्माष्टमी के अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया जिससे भगदड़ मच गई। 

बरेली में जन्माष्टमी की शोभायात्रा के दौरा बवाल, पथराव
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बरेली । उत्तर प्रदेश में बरेली के देवरनिया क्षेत्र में दो स्थानों पर कृष्णा जन्माष्टमी के अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया जिससे भगदड़ मच गई।

पुलिस अधीक्षक (देहात)संसार सिंह ने आज यहां बताया कि देवरनियां क्षेत्र के मकरी नवादा गांव में जन्माष्टमी पर शोभायात्र कई सालों से निकाली जा रही थी। इसके लिये कभी भी अनुमति नहीं ली गयी। इस बार भी लोगों ने न तो शोभायात्र निकालने की पुलिस को सूचना दी थी और न ही अनुमति ली थी।

उन्होंने बताया कि मकरी नवादा गांव में शुक्रवार को लोग कृष्णा जन्माष्टमी मना रहे थे। परंपरा के अनुसार दोपहर में शोभायात्र निकाली जानी थी, लेकिन जुमे की नमाज के कारण शोभायात्र का समय तीन बजे रखा गया था। दोपहर करीब तीन बजे शोभायात्रा में शामिल ट्रैक्टर ट्रॉली जैसे ही अपने अंतिम पड़ाव के तहत गांव के होली चौराहे पर पहुंची, तभी दूसरे समुदाय के लोगों ने शोभायात्र को रोक लिया। जिस पर दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। इसी दौरान अचानक शोभायात्र पर पथराव शुरू हो गया। जिससे भगदड़ मच गई। संघर्ष में महिला समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। शोभायात्र में शामिल लोग जान बचाकर इधर-उधर छिपने लगे। दोनों समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष के दौरान फरसा व अन्य हथियार चलने लगे। बंदूकें भी लहराई गईं।

सूचना पर थानाध्यक्ष देवरनिया और क्षेत्राधिकारी आलोक अग्रहरि मौके पर पहुंचे। चार थानों की फोर्स व पीएससी बुला ली गई। पुलिस फोर्स ने दोनों समुदाय के लोगों को घरों में खदेड़ दिया। एसपी देहात संसार सिंह गांव पहुंचे। गांव के लोगों से बवाल के बारे में जानकारी ली। दो समुदाय के बीच तनाव को देखते हुए गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। जांच के बाद ही दोनों तरफ के दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि गत वर्ष जन्माष्टमी पर पालकी यात्रा के दौरान गांव रम्पुरा कमान में दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। जमकर बवाल हुआ था। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को संभाला था। इस बार प्रशासन ने पालकी यात्रा के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में फोर्स तैनात है।


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