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आरटीपीसीआर से बिहार में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता पहले के मुकाबले और बढ़ेगी : अश्विनी चौबे

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आईसीएमआर के सहयोग से राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में लगे आरटी पीसीआर मशीनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया

आरटीपीसीआर से बिहार में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता पहले के मुकाबले और बढ़ेगी : अश्विनी चौबे
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पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में लगे आरटी पीसीआर मशीनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इससे बिहार में आरटीपीसीआर से टेस्टिंग की क्षमता बढ़ेगी। विभिन्न जिलों में प्रधानमंत्री केयर फंड से आरटीपीसीआर मशीन की व्यवस्था की गई है। 75 फीसदी से अधिक आरटी पीसीआर से टेस्टिंग हो इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां दो कोबास मशीन उपलब्ध कराई गई हैं। बिहार में तेजी से टेस्टिंग हो रही है।

चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से टेस्टिंग एवं अन्य क्षेत्रों में हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

बिहार में आरटीपीसीआर से टेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी के लिए आईसीएमआर के प्रयास की सराहना करते हुए चौबे ने कहा, "विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पतालों में आरटीपीसीआर मशीन को लगा दी गई हैं। कोविड को रोकने का एकमात्र आदर्श वाक्य टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट व टीकाकरण है। इस संकट काल में राष्ट्र की सहायता के लिए आईसीएमआर द्वारा किए जा रहे विशाल कार्य की सराहना हो रही है।"

इस मौके पर आईसीएमआर के महानिदेशक (डीजी) डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि बिहार ने कोविड रोग के प्रसार को नियंत्रित करने में सक्षम रहा है।

उन्होंने कहा, "टेस्टिंग क्षमता में लगातार बढ़ोतरी हुई है। भविष्य में कोविड मामलों के ऐसे किसी भी उछाल के लिए तैयारियों के लिए लैब नेटवर्क को मजबूत बनाया जा रहा है।"


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