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आरएसएस कि हिंसक प्रवृत्तियां केरल में नहीं चलेंगी : माकपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस के दावों के विपरीत केरल में कई मार्क्‍सवादियों की हत्या हुई है

आरएसएस कि हिंसक प्रवृत्तियां केरल में नहीं चलेंगी : माकपा
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस के दावों के विपरीत केरल में कई मार्क्‍सवादियों की हत्या हुई है। यह कहना है सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का। पार्टी ने कहा है कि वर्ष 2000 से ही राज्य में हुई राजनीतिक हिंसा में अन्य पार्टियों की तुलना में इसने अपने ज्यादा सदस्यों को खोया है। माकपा की पत्रिका 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' के संपादकीय में कहा गया है, "आरएसएस के नेतृत्व में भाजपा ने आरएसएस-भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ माकपा की तथाकथित हिंसा के विरोध में अखिल भारतीय अभियान शुरू किया है।"

आगे लिखा गया है, "लेकिन, मनगढ़ंत तथ्य टिक नहीं सकते। केरल पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2000 से 2017 के बीच आरएसएस-भाजपा के 65 सदस्य मारे गए, जबकि इन्होंने माकपा के 85 सदस्यों की हत्या की। इन आंकड़ों से ही पता चलता है कि ज्यादा हमले किसने किए हैं।"

संपादकीय के अनुसार, पिछले वर्ष मई में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा अपना प्रभाव कायम करने में नाकाम रही, जिसके बाद आरएसएस-भाजपा की योजनाओं का खुलासा हो रहा है।

संपादकीय में कहा गया, "यह केरल के सभी इलाकों में माकपा के कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमला करने के अपने पुराने तौर-तरीके फिर से अपना रहा है।"

राष्ट्रीय स्तर पर आरएसएस द्वारा आरएसएस-भाजपा कार्यकर्ताओं को हिंसा का शिकार बनाए जाने की बात फैलाकर मार्क्‍सवादियों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। माकपा पर हावी होने और एलडीएफ सरकार को अस्थिर करने में नाकाम होने पर उनका यह कृत्य हताशा का संकेत है।

कथित घोटालों की ओर इशारा करते हुए कहा गया है कि भाजपा की राज्य इकाई भ्रष्टाचार के मामले में खुद घिरी हुई है। माकापा का दावा है कि ऐसा मामले से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है।

"आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के लिए माकपा को दोषी ठहराया जा रहा है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक स्थानीय बाजार पर नियंत्रण का झगड़ा था और जिस गिरोह ने हत्या की है, उसका माकपा कोई जुड़ाव नहीं है और उस पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।"

संपादकीय में कहा गया है, "आरएसएस को यह अहसास होना चाहिए कि उसकी हिंसक प्रवृत्तियां केरल में नहीं चलेंगी।"

आरएसएस की हिंसक प्रवृत्तियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों इसके एक नेता ने मध्यप्रदेश में सार्वजनिक मंच से कहा था कि जो कोई केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजय का सिर काटकर लाएगा, उसे एक करोड़ का मकान इनाम में दिया जाएगा।


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