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आरएसएस और हिंदू महासभा थे संविधान के खिलाफ : जयराम रमेश

जयराम रमेश ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि आरएसएस संविधान के खिलाफ थी और प्रधानमंत्री जिस विचारधारा से आते हैं, वो इस संविधान में बिल्कुल विश्वास नहीं रखती।

आरएसएस और हिंदू महासभा थे संविधान के खिलाफ : जयराम रमेश
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खरगोन, 26 नवंबर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलते हुए कहा कि आरएसएस संविधान के खिलाफ थी और प्रधानमंत्री जिस विचारधारा से आते हैं, वो इस संविधान में बिल्कुल विश्वास नहीं रखती।
श्री रमेश आज 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के मनिहार में संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरएसएस और हिंदू महासभा संविधान के खिलाफ थे। श्री मोदी जिस विचारधारा से आते हैं, वो इस संविधान में बिल्कुल विश्वास नहीं रखती। उस विचारधारा का योगदान संविधान बनाने में बिल्कुल भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि संविधान का ड्राफ्ट तैयार होने से एक दिन पहले 25 नवंबर 1949 को डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में भाषण दिया। उन्होंने दावा किया कि यह भाषण संसार के तीन-चार सबसे महत्वपूर्ण भाषण में से एक है। डॉ अंबेडकर कांग्रेस के नेता नहीं थे, लेकिन उन्होंने इस भाषण में कहा कि कांग्रेस की विचारधारा के बिना यह संविधान नहीं बन सकता था। डॉ अंबेडकर ने कहा कि इस संविधान में आवश्यक संशोधन भी नहीं हो सकते थे, अगर कांग्रेस पार्टी समर्थन नहीं करती और इस संविधान को बनाने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को है।
श्री रमेश ने बताया कि श्री खड़गे और श्री राहुल गांधी आज शाम महू में संविधान दिवस पर डॉ अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। संविधान निर्माण में पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद और मौलाना आजाद का महत्वपूर्ण योगदान है।


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