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धर्म संसद में दिए गए बयानों से आरएसएस ने बनाई दूरी, भागवत बोले- अपमानजनक बयान नहीं करते हिंदू विचारधारा का प्रतिनिधित्व
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि धर्म संसद के आयोजनों में दिए गए कथित अपमानजनक बयान हिंदू विचारधारा का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि धर्म संसद के आयोजनों में दिए गए कथित अपमानजनक बयान हिंदू विचारधारा का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धर्म संसद के आयोजनों में कही गई बातों पर निराशा व्यक्त करते हुए भागवत ने कहा, "धर्म संसद की घटनाओं में जो कुछ भी निकला, वह हिंदू शब्द, हिंदू कर्म या हिंदू दिमाग नहीं था।"
आरएसएस प्रमुख की यह टिप्पणी तब आई जब वह नागपुर में एक अखबार के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित 'हिंदू धर्म और राष्ट्रीय एकता' व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने कहा कि हिंदुत्व एक 'वाद' नहीं है, हिंदुत्व का अंग्रेजी अनुवाद हिंदूनेस है।
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