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आरएसएस से जुड़ा भारतीय किसान संघ देश के गांवों में चलाएगा जन-जागरण अभियान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सरकार की कृषि और किसानों की नीति के खिलाफ अपने आंदोलन के अगले चरण में 1 से 10 जनवरी 2022 तक गांव-गांव में जन-जागरण अभियान चलाने का फैसला किया है

आरएसएस से जुड़ा भारतीय किसान संघ देश के गांवों में चलाएगा जन-जागरण अभियान
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सरकार की कृषि और किसानों की नीति के खिलाफ अपने आंदोलन के अगले चरण में 1 से 10 जनवरी 2022 तक गांव-गांव में जन-जागरण अभियान चलाने का फैसला किया है। जिसके अंत में 11 जनवरी, 2022 को देशभर के सभी विकासखंड/तहसील या ब्लॉक स्तर पर धरना प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया जाएगा। आईएएनएस से बातचीत करते हुए भारतीय किसान संघ के महासचिव बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर सरकार ने यह साबित कर दिया कि उन्हें केवल दिल्ली बॉर्डर के हिंसा और राजनीतिक बयानबाजी करने किसानों की ही चिंता थी, बाकी देशभर में शांतिपूर्ण तरीके से अराजनैतिक आंदोलन करने वाले किसानों से उनका कोई लेना-देना नहीं था।

चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को सही मायनों में किसानों के लिए लाभकारी बनाने के मकसद से संघ द्वारा कुछ सुझाव दिए गए थे, जिसे सरकार ने नजरअंदाज कर दिया।

उन्होंने कहा कि वास्तव में इस सरकार से किसानों को - आय दोगुनी करना, आत्मनिर्भर बनाना, बिचौलियों से आजादी दिलवाना, बिना किसी टैक्स के कृषि उपज के बेचने की व्यवस्था करना और उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना जैसी कई अपेक्षाएं थीं, लेकिन गरीब किसानों को अपने दुर्भाग्य से छुटकारा ही नहीं मिल पा रहा है इसलिए संघ ने यह अभियान चलाने का फैसला किया है।

सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए भारतीय किसान संघ के महासचिव ने कहा कि कुछ तो कारण अवश्य रहे होंगे, जिनकी वजह से एक वर्ष तक चलने वाले तथाकथित किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया, क्योंकि इस आंदोलन से देश के किसानों को कुछ नहीं मिला और उन्हें भी सरकार के इस फैसले से हैरानी हुई।


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