भाजपा विधायकों के घेराव की तैयारी को लेकर प्रदेश में बैठकों का दौर
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के आव्हान पर किसानों की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बोनस बइठका की तैयारी अनेक जिलों में प्रारंभ हो गई है
रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के आव्हान पर किसानों की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बोनस बइठका की तैयारी अनेक जिलों में प्रारंभ हो गई है। इसी सिलसिले में राजनांदगांव, महासमुंद और दुर्ग जिले में किसान महासंघ से जुड़े किसान संगठनों के द्वारा अपने अपने क्षेत्र में बैठक आयोजित की गई। राजनांदगांव जिले के ग्राम गेंदाटोला में सीसीग किसान मजदूर महासंघ के संयोजक सदस्य सुदेश टीकम और चंदू साहू ने बोनस बइठका का आयोजन किया। बइठका में किसानों नेजानकारी दी कि गेंदाटोला सहकारी सोसायटी में गत वर्ष लोन की राशि जमा करने के बाद भी किसानों को डिफाल्टर बताया जा रहा है। सोसायटी द्वारा 500 से अधिक किसानों को अवैध रूप से डिफाल्टर ठहराया गया जो कि दरअसल सोसायटी के अधिकारियो द्वारा असल में किसानों के पैसे गबन किए गए है। किसानों में इस प्रकरण से गहरा आक्रोश है।
किसान नेता सुदेश टीकम ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आज महासमुंद जिला ग्राम कमरौद में किसान महासंघ संघ केप्रतिनिधियों रजनीश अवस्थी, संकेत ठाकुर ने किसान गोष्ठी की। दुर्ग जिले में गिरधर मढ़रिया के द्वारा किसानों के साथ गोष्ठी की गई। इनकी गोष्ठियों में 16 जून के किसान आंदोलन और मंदसौर में गोली कांड को लेकर भाजपा सरकार की किसानों के प्रति संवेदनहीनता की चर्चा की गई। बैठक में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बोनस दिए जाने बोनस बांटने पर समर्थन मूल्य ने मामले बढ़ोतरी करने के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्त किया।
उपस्थित किसानों ने संकल्प लिया कि जुलाई माह में अपने अपने क्षेत्र के भाजपा विधायकों का वह घेराव करेंगे। अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए पूरी ताकत के साथ एकजुट होंगे। गोष्ठी में किसान महासंघ के नेताओं ने राजनांदगांव जिले के गोपालपुर में भूषण गायकवाड और कवर्धा जिले के वीरेंद्र नगर में रामधन साहू के आत्महत्या के मामले में राज्य शासन के अधिकारियों और भाजपा नेताओं द्वारा कर्ज की वजह से आत्महत्या को नकारे जाने की भर्त्सना की। किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री से मांग की कि आर्थिक तंगी से आत्महत्या करने वाले किसानों को के परिवारों को दिल्ली सरकार की तरह एक एक करोड रुपए का मुआवजा दे। किसान महासंघ ने साथ ही आग्रह किया है कि किसान परिवारों को एवं किसानों की मृत्यु को अपमानित करने का रवैया छोड़कर किसानों के दु:ख दर्द में सहभागी बनें।


