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मणिपुर की स्थिति को नियंत्रित करने में नागरिक समाज की भूमिका महत्वपूर्ण: एन.बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी नागरिक समाजों और महिला संगठनों को शामिल करने की जरूरत है।

मणिपुर की स्थिति को नियंत्रित करने में नागरिक समाज की भूमिका महत्वपूर्ण: एन.बीरेन सिंह
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इंफाल, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी नागरिक समाजों और महिला संगठनों को शामिल करने की जरूरत है।

एन. बीरेन सिंह रविवार को नयी दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लोगों को अतीत को भूलकर नया जीवन शुरू करना सीखना चाहिए ताकि शांति बहाल हो सके। गृह मंत्री के साथ बैठक के दौरान सभी नागरिक समाज संगठनों और महिला निकायों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।

एन. बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे तथा घाटी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्याओं और मांगों को समझने के लिए नागरिक समाज से मदद लेने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को राज्य में शांति बहाल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर विद्रोह की खबरें हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग घर जला रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं। राज्य के कई हिस्सों में अराजकता का आलम है।

गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान बीरेन के साथ मणिपुर के स्पीकर सत्यब्रत और राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा भी थे।

इस बीच राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने पिछले 24 घंटों के दौरान तामेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में तलाशी अभियान चलाया और बंकरों को नष्ट कर दिया।

मणिपुर पुलिस ने कर्फ्यू उल्लंघन, परित्यक्त घरों में चोरी, आगजनी आदि के मामलों में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, एरिया डोमिनेशन और घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है। अब तक कुल 1100 हथियार, 13,702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं।

गौरतलब है कि मणिपुर में हिंसा में 115 से अधिक लोग मारे गए और 60हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए। मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग, इम्फाल से माओ, कांगपोकपी में अवरुद्ध है और हिंसा भड़कने के बाद से इंटरनेट निलंबित कर दिया गया है।


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