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छात्रों से बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली ! दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज दूसरे दिन हंगामेदार रहा और जंतर-मंतर पर रोहित वेमुला मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के पुलिसिया रवैए पर अल्पकालिक चर्चा पर निंदा

छात्रों से बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग
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विधानसभा में रोहित वेमुला मामले में जमकर हंगामा

नई दिल्ली ! दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज दूसरे दिन हंगामेदार रहा और जंतर-मंतर पर रोहित वेमुला मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के पुलिसिया रवैए पर अल्पकालिक चर्चा पर निंदा प्रस्ताव पारित किया। रोहित वेमुला का मुद्दे पर जैसे ही विपक्ष के सदस्य ने बोलना शुरू किया सत्तापक्ष के विधायकों ने उन्हें दलित विरोधी कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा, नारेबाजी और हंगामे के बीच आप विधायक केंद्र व मोदी सरकार के खिलफ पोस्टर बैनर लहराते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया विधायकों को शांत करवाते हुए रोहिय वेमुला के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवाल किए व जंतर मंतर पर वेमुला के लिये न्याय मांग रहे आंदोलनरत छात्रों के प्रति पुलिसिया रवैए की निंदा व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी। चर्चा के जवाब के बाद सोमनाथ भारती ने इस मामले पर एक संकल्प प्रस्तुत किया जिसे सदन के पटल विरोध प्रस्ताव के रूप में स्वीकार कर लिया गया और इसके साथ ही विधान सभा अनिचित्काल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले अल्पकालिक चर्चा में राखी बिड़ला, अल्का लांबा, राजेंद्र पाल गौतम ने भाग लिया और कहा कि केंद्र की भाजपानीत सरकार दलित विरोधी है। आप विधायकों ने चर्चा में जमकर जहां भाजपा सरकार के खिलाफ प्रहार किए वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल किया। जिस पर ऐतराज के बाद उनका नाम भी हटाया गया। लेकिन जैसे ही नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यहां लच्छेदार भाषा में घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं आप विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा थमने के बाद विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि राष्टï्रमंडल खेल में 780 करोड़ रूपए दलित कल्याण की योजना से निकाल कर अन्यत्र खर्च कर दिए आप सरकार इसमें से एक पाई भी वापिस नहीं लाई है। जवाब में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दो टूक कहा कि जो भी दलित, छात्रों के हितों से खेलेगा हम उसके पीछे पड़ेंगे। दिल्ली बाल अधिकार सरक्षण आयोग ,एवं दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2015- 16 हेतु प्रस्तुत किए गए। वहीं विशेषाधिकार समिति का छटी विधान सभा चौथा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया।


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