रोहिंग्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जवाब के लिए केंद्र को दिया कुछ और समय
उच्चतम न्यायालय ने रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब के लिए सरकार को कुछ और वक्त दिया है

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब के लिए सरकार को कुछ और वक्त दिया है।
#Rohingya refugees matter: Supreme Court today granted more time to Centre to file an affidavit in the case
— ANI (@ANI) March 7, 2018
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के समक्ष आज दलील दी कि सीमाओं पर रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति को लेकर एजेंसियों से जानकारी ली जा रही है, जिसमें कुछ और वक्त लगेगा। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को कुछ और वक्त दिया जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने श्री मेहता की दलीलें सुनने के बाद केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का और समय दिया तथा मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख मुकर्रर की।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता मोहम्मद सलीमुल्लाह की ओर से पेश जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने रोहिंग्या मुसलमानों को भी श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों की तरह दर्जा देने की मांग की।
सलीमुल्लाह एवं मोहम्मद शाकिर ने याचिका दायर करके भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार न भेजने को लेकर केंद्र को निर्देश देने की मांग की है। उनकी दलील है कि यदि रोहिंग्या लोगों को वापस भेज दिया गया तो म्यांमार में उनकी हत्या कर दी जायेगी।


