रोडवेज घोटालों की जांच मौजूदा न्यायाधीश या सीबीआई से कराई जाए : कमेटी
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने आज मांग की कि रोडवेज में घोटालों की किसी मौजूदा न्यायाधीश अथवा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए

हिसार। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने आज मांग की कि रोडवेज में घोटालों की किसी मौजूदा न्यायाधीश अथवा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए।
रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन के तहत आज यहां नागरिक सम्मेलन में कमेटी नेताओं ने यह मांग की। उन्होंने कहा कि किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने के मामले में बहुत बड़ा घोटाला उजागर होने के बावजूद राज्य सरकार मान नहीं रही और रोडवेज विभाग को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
सभी डिपो में किये जा रहे इन नागरिक सम्मेलनों में विभाग को बचाने के लिए किसान, मजदूर, छात्र, महिलाओं व आम जनता का सहयोग मांगा जा रहा है।
यहां सम्मेलन की अध्यक्षता राजपाल नैन, रामसिंह बिश्नोई, रमेश माल व राजकुमार ने संयुक्त रूप से की। सम्मेलन को संबोधित करते हुए तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा समेत अन्य ने कहा कि जब तक किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने का निर्णय रद्द नहीं किया जाता और रोडवेज कर्मचारियों की मानी गई मांगों को लागू नहीं किया जाता तब तक रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि रोडवेज में एक से बढ़कर एक घोटाले हो रहे हैं और किलोमीटर स्कीम घोटाले के बाद ई-टिकेटिंग मशीन घोटाला, सीसीटीवी कैमरा घोटाला, अनाउंसमेंट सिस्टम घोटाला व बसों में जीपीएस लगाने में घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि रोडवेज 36 श्रेणियों को रियायती व नि:शुल्क यात्रा सुविधा देकर भी घाटे में नहीं है और रोडवेज में होने वाले घाटे का असली कारण रोडवेज में बैठे उच्चाधिकारी व सत्ता में बैठे नेता हैं जो रोडवेज में भ्रष्टाचार को खत्म करने की बजाय भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि उनकी मांग है कि रोडवेज में हो रहे घोटालों की जांच किसी सिटिंग जज या सीबीआई से करवाई जाए। उन्होंने कहा कि विभाग 14 हजार नई बसें बेड़े में शामिल की जाएं ताकि 84 हजार युवाओं को स्थाई रोजगार भी मिल सके और आम जनता को सस्ती व सुरक्षित परिवहन सुविधा मिल सके।
उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को राज्यपाल से मिलकर एक ज्ञापन दिया जायेगा, जिसमें उक्त मांगों के अलावा पिछले साल रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान निकाले गये कर्मचारियों की बहाली की मांग शामिल है।


