स्वास्थय विभाग की छापेमारी से आरएमपी चिकित्सक परेशान, रोजी रोटी के लाले पड़े
आरएमपी चिकित्सक एसोसिएशन ने आज महत्वपूर्ण मुद्दो को लेकर एक बैठक का आयोजन किया

पलवल। आरएमपी चिकित्सक एसोसिएशन ने आज महत्वपूर्ण मुद्दो को लेकर एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता प्रधान डा. सुरेश कुमार ने की।
बैठक में आरएमपी चिकित्सकोंं पर आए दिन हो रही छापामारी की कड़े शब्दों में निन्दा की। बैठक में ऐसोसिएशन के प्रधान राजेश कुमार व महासचिव सरद कुमार ने कहा कि आरएमपी चिकित्सक गरीबों का इलाज 20 से 30 रुपए में कर देते हैं और एमबीबीएस चिकित्सक उसी इलाज का मरीजों से छह सौ से सात सौ रुपए बसूलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 1965 व 1970 में आरएमपी चिकित्सकोंं के लाइसेंस बनाए थे उसके बाद यह लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया बंद कर दी इसलिए चिकित्सक अन्य राज्यों से लाइसेंस बनवाकर लोगों का इलाज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सकोंं के पास ट्रैनिंग लेने के बाद ही मरीजों का इलाज करते है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह आरएमपी के चिकित्कों पर छापामारी चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब आरएमपीचिकित्सक भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। इसलिए सरकार से मांग है कि वे हमारे बारे में भी गंभीरता से विचार करे।
इस मौके पर बैठक में सतीस कुमार, एनके विश्वास, अनिल दास के अलावा दर्जनों आरएमपी के चिकित्सक मौजूद थे। दूसरी तरफ जिला चिकित्सा अधिकारी ने फोन पर बताया कि अब तक जितने भी छापे मारे है उनमें अनियमितताए पाई गई है इसलिए उन पर कार्यवाही की गई है। स्वास्थय विभाग हरियाणा के नियमानुसार जो कार्य करेगा उसके खिलाफ भला हम क्यों छापेमारी करेगें।


