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रालोद ने घोषणापत्र के लिए यूपी के ग्राम प्रधानों से सलाह मांगी

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं

रालोद ने घोषणापत्र के लिए यूपी के ग्राम प्रधानों से सलाह मांगी
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मुजफ्फरनगर (उप्र)। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) अब एक नए प्रयोग के तहत 59,000 ग्राम प्रधानों तक पहुंच बनाने की कवायद में जुट गया है और पार्टी के घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए उनकी सलाह मांग रहा है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस संबंध में प्रत्येक ग्राम प्रधान को पत्र भेजे हैं।

उन्होंने अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उनका मानना है कि किसी भी राज्य के विकास में ग्राम प्रधानों की प्रमुख भूमिका होनी चाहिए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हालांकि संविधान के अनुच्छेद 243 में 73वें संशोधन और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने से ग्राम प्रधानों को अधिकार मिला है, लेकिन यह व्यवस्था अभी सभी राज्यों में लागू नहीं हुई है।"

चौधरी ने कुछ राज्यों में प्रशासनिक हस्तक्षेप का भी हवाला दिया, जिससे ग्रामीण विकास बाधित हुआ है।

उन्होंने कहा, "ऐसे में ग्राम प्रधानों को ना केवल काम करवाने का प्रयास करना चाहिए, बल्कि किसी भी तरह के दबाव में ना आकर अपने अधिकारों का प्रयोग करना चाहिए।"

मुजफ्फरनगर के नगला मुबारिक गांव के ग्राम प्रधान सतेंद्र कुमार ने कहा, "मुझे जयंत चौधरी का पत्र मिला है, जिसमें गांव की समस्याओं के बारे में पूछा गया है। यह स्वागत योग्य कदम है।"

"खराब सड़कों, जल-जमाव और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को पहले सुलझाया जाना चाहिए। अगर लोगों के पास नौकरी है, तो कोई पलायन नहीं होगा।"

बता दें कि चौधरी 11 अक्टूबर को बुढाना निर्वाचन क्षेत्र में जन आशीर्वाद रैली को संबोधित करने के लिए मुजफ्फरनगर में होंगे।


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