Top
Begin typing your search above and press return to search.

राजद ने बिहार शब्द को किया अपमानित, रूपौली सीट पर सुशासन बनाम कुशासन की लड़ाई : विजय सिन्हा

पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है।10 जुलाई को वोटिंग हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा यहां पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि जीत तो एनडीए प्रत्याशी की ही होगी

राजद ने बिहार शब्द को किया अपमानित, रूपौली सीट पर सुशासन बनाम कुशासन की लड़ाई : विजय सिन्हा
X

पूर्णिया। पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है।10 जुलाई को वोटिंग हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा यहां पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि जीत तो एनडीए प्रत्याशी की ही होगी।

विजय सिन्हा जनसंपर्क अभियान के तहत भवानीपुर स्थित मां भवन देवी मंदिर पहुंचे। विधिवत पूजा अर्चना की। इसके बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार शब्द को अपमानित किया है। यहां के मान सम्मान को खत्म किया है। बिहार की जनता इन लोगों (राजद) को माफ नहीं करेगी। बिहार की जनता को जवाब देने का सही वक्त आ गया है। इंडी गठबंधन वाले एक तरफ जहां भ्रष्टाचार और कुशासन को बढ़ावा देते हैं तो वहीं एनडीए गठबंधन भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने की बात करती है।

उन्होंने कहा कि रुपौली में एनडीए उम्मीदवार जीतेगा और जब एनडीए का उम्मीदवार जीतेगा तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। रुपौली में जीत के बाद विकास की रफ्तार को गति मिलेगी। राजद हमेशा भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा देती रही है। यहां सुशासन और कुशासन की लड़ाई चल रही है। मुझे भरोसा है कि न्याय और विकास की सोच की जीत होगी।

रुपौली विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना है। राजद ने पूर्व मंत्री बीमा भारती की जीत सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर लामबंदी की है। यहां चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है। बीमा भारती को कलाधर मंडल के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह भी कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।

बीमा भारती और कलाधर मंडल दोनों ही रूपौली विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख गंगोता जाति से आते हैं। यह उपचुनाव अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले काफी महत्वपूर्ण है, जो सभी पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है।

बीमा भारती तीन बार रूपौली से जनता दल (यूनाइटेड) की विधायक रही हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले राजद में शामिल होने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और पूर्णिया से लोकसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी टिकट थमाया गया। लेकिन वहां वो हार कर तीसरे स्थान पर पहुंची। यहां से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव को जीत मिली थी जबकि दूसरे स्थान पर जदयू के संतोष कुमार रहे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it