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राजद कुछ भी कर ले, वापसी संभव नहीं : जद (यू)

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेताओं द्वारा जनता दल (युनाइटेड) को साथ आने के 'ऑफर' दिए जाने को जद (यू) ने सोमवार को नकार दिया

राजद कुछ भी कर ले, वापसी संभव नहीं : जद (यू)
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पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेताओं द्वारा जनता दल (युनाइटेड) को साथ आने के 'ऑफर' दिए जाने को जद (यू) ने सोमवार को नकार दिया। जद (यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि राजद अब कुछ भी कर ले, जद(यू) की अब राजद के पास वापसी संभव नहीं है।

मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा, "'ऑफरों' से पार्टी नहीं चलती। हमारे नेता की नीयत और विकास के एजेंडे स्पष्ट हैं।"

उन्होंने जद (यू) की अलग संस्कृति बताते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस की संस्कृति अलग है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि "कभी तालमेल हो जाता है, लेकिन हमारी सोच अलग है। यही कारण है कि ऐसे लोगों का साथ बहुत दिन तक नहीं चला।"

मंत्री कुमार ने कहा कि "बिहार में भाजपा और जद (यू) की सरकार ठीक ढंग से चल रही है। बिहार में विकल्प के तौर पर सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं और अब राजद हमेशा जीरो पर ही आउट होगी।"

इससे पहले राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा था कि भाजपा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाने, राम मंदिर बनाने और सामान आचार संहिता लागू करने के मुद्दे पर नीतीश कुमार क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को भगवान भाजपा के खिलाफ चेहरा बनने का एक और मौका दे रहे हैं और जब नीतीश कुमार इन मद्दों पर राजग छोड़ेंगे, तो राजद उनके साथ मजबूती के साथ खड़ा होगा।

राजद के एक अन्य उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह भी भाजपा को हराने के लिए सभी छोटे और क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने की बात कह चुके हैं।


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