रेत खनन नीति वापस लेने के लिए राजद के 'बिहार बंद' से यातायात बाधित
बिहार सरकार द्वारा नई रेत खनन नीति वापस ले लिए जाने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा इस नीति के विरोध में बुलाए गए एकदिवसीय बिहार बंद का गुरुवार को वाहनों की आवाजाही पर व्यापक असर देखा जा रहा

पटना। बिहार सरकार द्वारा नई रेत खनन नीति वापस ले लिए जाने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा इस नीति के विरोध में बुलाए गए एकदिवसीय बिहार बंद का गुरुवार को वाहनों की आवाजाही पर व्यापक असर देखा जा रहा है। कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने सड़कों पर आगजनी कर रास्तों को अवरुद्ध कर दिया है और कई स्थानों पर ट्रेनें भी रोकी गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Bihar: RJD workers stopped a train at Darbhanga station as a part of their protest against state govt's new Sand Mining Policy, the party has called for a strike in the state against the new policy today. pic.twitter.com/GT78OlPNTo
— ANI (@ANI) December 21, 2017
बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर आए हैं। बंद के कारण पटना के अधिकांश निजी स्कूलों को पहले ही बंद रखा गया है।
राजद के बिहार बंद का असर सुबह से ही पटना जिले में देखने को मिला। मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने मनेर में विरोध प्रदर्शन किया। पटना के बस स्टैंड के पास भी राजद कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर टायर जलाकर इस नई नीति का विरोध किया।
नवादा, बांका, दरभंगा, मधुबनी में भी लोग सड़कों पर उतरे और सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। दरभंगा, बांका और पटना में रेलों का भी परिचालन बाधित किया गया।
राजद की बंदी को लेकर राज्यभर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह 'शुकराना समारोह' को लेकर बाहर से आए सिख समुदाय के लोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा खास ख्याल रखा जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में रेत की मौजूदा किल्लत को दूर करने और बेहतर बंदोबस्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार शाम ही अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर नए सिरे विचार-विमर्श करने का निर्णय कर लिया था।
सरकार ने बैठक के बाद यूटर्न लेते हुए राज्य में पुरानी रेत नीति ही लागू रहने की बात कही।


