वोट की राजनीति से ऊपर उठकर नौ वर्ष में किया समान विकास : जितेंद्र
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वोट की राजनीति से ऊपर उठकर पिछले नौ वर्षों में हर क्षेत्र का समान विकास और सभी को न्याय सुनिश्चित किया है

जम्मू। केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट की राजनीति से ऊपर उठकर पिछले नौ वर्षों में हर क्षेत्र का समान विकास और सभी को न्याय सुनिश्चित किया है।
श्री सिंह ने कठुआ में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने उसी भावना का पालन किया है और उधमपुर-कठुआ-डोडा के अपने संसदीय क्षेत्र में उसी संस्कृति का अनुकरण करने की मांग की है और इसका सबसे अच्छा उदाहरण केदियां-गदयाल पुल है जिसे सिर्फ एक व्यक्ति को पूरा करने के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। डेढ़ पंचायत कई दशकों से इसकी मांग कर रही थी।
मंत्री ने कहा कि यह वह जगह है जहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को रहस्यमय तरीके से निधन से पहले गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने एकीकृत जम्मू-कश्मीर के लिए अपना जीवन बलिदान किया था। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने जहां धारा 370 को निरस्त कर मुखर्जी को सही साबित किया, वहीं हम जैसे कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि वे इन महान नेताओं की विरासत के अनुरूप पूरी प्रतिबद्धता के साथ कठुआ के इस शहर और पूरे निर्वाचन क्षेत्र का विकास करें।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा प्रवास के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा पिछले नौ वर्षों में सांसद के रूप में लाई गई प्रमुख परियोजनाओं को दर्शाने वाली एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
डॉ सिंह ने कहा कि उधमपुर-कठुआ-डोडा संसदीय क्षेत्र देश के 550 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से भारत का सबसे विकसित निर्वाचन क्षेत्र है, जिसने पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जबरदस्त विकास किया है।
उन्होंने कहा कि उधमपुर-डोडा-कठुआ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में तीन केंद्रीय वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज हैं और इस निर्वाचन क्षेत्र में स्थित सबसे अच्छा बुनियादी ढांचा इसे राज्य के साथ देश की सबसे स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं वाला अच्छा निर्वाचन क्षेत्र बनाता है।
उन्होंने कहा, इस निर्वाचन क्षेत्र ने भारत और दुनिया में ‘बैंगनी क्रांति’ के जन्मस्थान के रूप में नाम कमाया है। केवल जम्मू-कश्मीर में तीन हजार से अधिक कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप शुरु हुए है।


