रिहाना ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, कंगना ने दिया ये जवाब
मशहूर पॉपसिंगर रिहाना और युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर पिछले वर्ष 26 नवम्बर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना समर्थन ज

नयी दिल्ली। मशहूर पॉपसिंगर रिहाना और युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर पिछले वर्ष 26 नवम्बर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया है।
किसानों के आंदोलन वाले बहुत से स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दिये जाने जैसे सरकार की कार्रवाई पर प्रकाश डालते एक समाचार आलेख की साझेदारी करते हुए रिहाना ने ट्वीट किया , “ हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं।” उन्हाेंने अपने ट्वीट में किसान आंदोलन को हैशटैग भी किया।
why aren’t we talking about this?! #FarmersProtest https://t.co/obmIlXhK9S
— Rihanna (@rihanna) February 2, 2021
रिहाना की इस टिप्पणी के बाद थनबर्ग भी किसान आंदोलन को समर्थन में सामने आ गयी । थनबर्ग ने अपने ट्वीट में कहा, “ हम भारत में किसान आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।”
We stand in solidarity with the #FarmersProtest in India.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 2, 2021
https://t.co/tqvR0oHgo0
इस बीच किसान आंदोलन को लेकर रिहाना की टिप्पणी के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने इसके लिए उनकी यह कहते हुए आलोचना की कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं है। कंगना ने ट्वीट कर कहा, “ कोई भी इसलिए बात नहीं कर रहा है क्योंकि ये किसान नहीं, आतंकवादी हैं। जो भारत को बांटना चाहते हैं ताकि चीन हमारे देश पर कब्जा कर ले और यूएसए जैसी चाइनीज कॉलोनी बना दे। शांति से बैठो बेवकूफ। हम तुम्हारे जैसे मूर्ख नहीं है जो अपने देश को बेच दें।”
She hasn’t released a single song in 5 years, sells make up but looks like she is feeling Corona blues,Forbes estimated incomes are just PR gimmicks big sham,a million or two won’t hurt her right now, also notice in her tweet she did not commit to any opinion just a vague tweet. https://t.co/57VGWJZ8Be
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) February 3, 2021
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सरकार ने ऐहतियात के तौर पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर किसान आंदोलन वाले इलाकों में शनिवार को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी और बाद में निलंबन अवधि मंगलवार तक बढ़ा दी गयी। हरियाणा सरकार ने भी कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के 17 जिलों में 31 जनवरी की शाम तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी और बाद में इसकी अवधि तीन फरवरी तक बढ़ा दी गयी है।


