मप्र विधानसभा में पारित होगा 'पानी का अधिकार' कानून : मंत्री
मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने गुरुवार को कहा कि राज्य के लोगों को पानी का अधिकार दिलाने वाले कानून का प्रस्ताव तैयार हो चुका है

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने गुरुवार को कहा कि राज्य के लोगों को पानी का अधिकार दिलाने वाले कानून का प्रस्ताव तैयार हो चुका है, विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इस कानून को पारित कराया जाएगा। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के 11 माह पूरे होने पर अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए मंत्री पांसे ने कहा कि इस अधिनियम के लागू होने पर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां लोगों को पानी का कानूनी अधिकार मिलेगा। इस कानून को लागू करने के लिए बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री पांसे ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए 68 हजार करोड़ रुपये की विस्तृत कार्य-योजना बनाई गई है। अभी तक 19 समूह जल योजनाएं पूरी कर 802 गांवों की लगभग साढ़े 11 लाख से अधिक आबादी को घरेलू नल कनेक्शन द्वारा जल-प्रदाय शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा 6672 करोड़ रुपये लागत की 39 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जो अगले दो साल में पूरा हो जाएगा। इससे 6091 गांवों की लगभग 64 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।
पांसे ने आगामी योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि 14 हजार 510 गांवों के लिए 22 हजार 484 करोड़ रुपये की 45 समूह जल-प्रदाय योजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गई है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से लगभग एक करोड़ ग्रामीण आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।
मंत्री पांसे के मुताबिक, प्रदेश में पेयजल प्रदाय योजनाओं की बेहतर ढंग से लागू करने के लिए देश के अग्रणी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-दिल्ली से अनुबंध किया गया है।
उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी धनराशि की जरूरत होगी। इसे ध्यान में रखकर न्यू डेवलपमेंट बैंक, जायका, एशियन डेवलपमेंट बैंक और नाबार्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने की पहल की गई है। न्यू डेवलपमेंट बैंक से 4500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिल गई है।
मंत्री ने कहा, "जायका से नीमच तथा मंदसौर जिले के सभी गांव और रतलाम जिले के आलोट विकासखंड के 1735 गांवों में समूह पेयजल योजना के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।"


