दिल्ली के अस्पतालों की सेहत सुधारने के लिए चिकित्सा अधीक्षकों को अधिकार
दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली के सभी अस्पतालों की समीक्षा के बाद ऐलान किया है कि सरकार जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे और जो कि कॉल सेंटर से जुड़ा होगा, जिसमें आने वाले फोन की रिकार्डिंग होगी

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली के सभी अस्पतालों की समीक्षा के बाद ऐलान किया है कि सरकार जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे और जो कि कॉल सेंटर से जुड़ा होगा, जिसमें आने वाले फोन की रिकार्डिंग होगी। रिकार्डिंग की निगरानी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे। सभी चिकित्सा अधीक्षकों को सरकार ने उपकरण खरीद की वित्तीय शक्तियों को एक करोड़ रूपए किए जाने की घोषणा की है। अभी तक यह छोटे अस्पताल में 10 लाख रूपए व 50 लाख रूपए बड़े अस्पतालों के चिकित्सा अधिक्षकों की वित्तीय शक्ति थी।
दिल्ली के स्वाथ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में गोरखपुर जैसे हादसे की पुनरावृत्ति नहीं हो सकती।
श्री जैन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए आज दिल्ली सरकार के अस्पतालों की समीक्षा की गई है और सभी अधीक्षकों से बातचीत पता चला है कि अस्पतालों में 92 प्रतिशत दवाएं हैं। कुछ अस्पतालों में टेंडर बाकी हैं, जिन्हें जल्द पूरा कर दिया गया है। इसके बाद सभी अस्पतालों में सौ प्रतिशत आपूर्ति होगी।
श्री जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार के 10 हजार बिस्तर हैं और सभी अस्पतालों के उपकरण 90 प्रतिशतकार्य कर रहे हैं। जहां कोई कमी होगी वहां अधीक्षकों को यह अधिकार दिए हैं कि वे अपने यहां कोई भी काम करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में डॉक्टरों की रिक्तियां देश में सबसे कम चार-पांच प्रतिशत ही होंगी यदि आवश्यकता होगी तो हम डॉक्टरों की भर्ती कर सकते हैं।
सत्येंद्र जैन ने बताया कि अब चिकित्सा अधीक्षक सभी उपकरण सही करवा सकते हैं इसके लिए उन्हें किसी से कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही एक करोड़ रुपए के सभी उपकरण भी अपने स्तर पर खुद खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं अच्छी हैं और जहां सुधार की आवश्यकता है उन्हें सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी वेंडर्स की पेमेंट 30 दिनों के भीतर हो जाएगी जबकि यह अवधि पहले 45 दिन थी। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की है कि चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया में डॉक्टर से ही दवा लें, डिस्पेंसरीए छोटे अस्पताल व मोहल्ला क्लीनिक में पूरा इलाज है।


