प्राधिकरण ने आरटीआई में दी गलत जानकारी, एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश
प्राधिकरण का सूचना विभाग आरटीआई का जवाब देता है। इसे आधार बनाकर याचिकाकर्ता द्वारा एनजीटी में अपील की जाती है

नोएडा। प्राधिकरण का सूचना विभाग आरटीआई का जवाब देता है। इसे आधार बनाकर याचिकाकर्ता द्वारा एनजीटी में अपील की जाती है। इस दौरान प्राधिकरण अपना पक्ष रखता है कि दी गई सूचना गलत है।
इस सूचना का कोई आधार नहीं है। जवाब सुनते ही याचिकाकर्ता की रिट को खारिज कर दिया गया। साथ ही एनजीटी ने प्राधिकरण को निर्देश दिया कि इस मामले की जांच की जाए। संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए और स्पष्ट जवाब दाखिल किया जाए। मामला सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड से जुड़ा हुआ है। सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड बनाया जाना प्रस्तावित है। इसको लेकर सोसाइटी, ग्रामीण से लेकर सभी राजनैतिक दल प्राधिकरण का विरोध कर रहे है। मामले में केंद्रीय मंत्री भी सोसाइटी के लोगों को आश्वस्त कर चुके है। यह मामला एक साल पुराना है।
दरसअल, एक साल पहले प्राधिकरण ने सेक्टर-123 में ठोस कचरा संयंत्र लगाने का प्रस्ताव बनाया था। उस दौरान सोसाइटी के लोगों द्वारा एक आरटीआई प्राधिकरण में लगाई गई थी। जिसमे प्रश्न पूछा गया था कि सेक्टर-123 में क्या डंपिंग ग्राउंड बनाया जाएगा या नहीं। प्राधिकरण के नियोजन विभाग द्वारा आरटीआई का जवाब देते हुए बताया गया कि यह योजना खारिज कर दी गई है। इसी जवाब को आधार बनाते हुए सोसाइटी के लोगों ने एनजीटी में याचिका दायर की।
मंगलवार को इस याचिका को खारिज कर दिया गया। दरअसल, सुनवाई के दौरान प्राधिकरण ने अपने जवाब में कहा आरटीआई में दिया गया जवाब गलत है। इसका कोई आधार नहीं है। सेक्टर-123 पहले से ही ठोस कचरा संयंत्र के लिए नोटिफाइड क्षेत्र है। जवाब सुनने के बाद एनजीटी ने याचिकाकर्ताओं की रिट को खारिज कर दिया। साथ ही प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले की सघन जांच की जाए। साथ ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। यही नहीं पूरे मामले में क्या कार्यवाही की गई इसका जवाब भी एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
एक साल नहीं थी जानकारी
याचिकाकर्ताओं ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरटीआई एक साल पहले लगाई गई थी। एक साल पहले ही जवाब भी दिया गया। जिसमे नियोजन विभाग के अधिकारी के हस्ताक्षर भी है। ऐसे में सूचना का आधार गलत कैसे हो सकता है। यदि सूचना गलत दी गई तो यह उससे बड़ा अपराध है।
डंपिंग ग्राउंड के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना जारी
डंपिंग ग्राउंड के विरोध में सेक्टर- 122 में मंगलवार को सत्रहवें दिन भी धरना जारी रहा। धरने में सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि एवं सामाजिक संस्थाओं के लोगों ने भी हिस्सा लिया। सभी ने प्राधिकरण के अधिकारियों से इस मसले के त्वरित समाधान की अपील की।
इस अवसर पर सूबे यादव ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड का मुद्दा लोगों के जीवन से जुड़ा है इसके बावजूद भी प्राधिकरण द्वारा गम्भीरतापूर्वक न लेना चिंता का विषय है। समस्या का शीघ्र समाधान हो। डंपिंग ग्राउंड बनने की तैयारी की खबर से आस पास के सेक्टरवासी व ग्रामीण बेहद चिंतित है इसलिए प्राधिकरण ईगो छोड़कर इको के बारे में विचार करे।
यही नहीं एक साल तक प्राधिकरण को इस बारे में जानकारी तक नहीं। ऐसा सं•ाव कैसे है। फिलहाल सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन निरंतर जारी रहेगा।


