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राजस्व विभाग देगा अब हितग्राहियों को गैस कनेक्शन

कलेक्टर पी दयानंद ने उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन के वितरण कार्य की राजस्व विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है

राजस्व विभाग देगा अब हितग्राहियों को गैस कनेक्शन
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उज्जवला योजना में खाद्य विभाग की लापरवाही से कलेक्टर नाराज

बिलासपुर। कलेक्टर पी दयानंद ने उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन के वितरण कार्य की राजस्व विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। क्योंकि खाद्य विभाग की लापरवाही के कारण हितग्राहियों को गैस कनेक्शन का वितरण नहीं हो पा रहा था। यहां तक कि खाद्य विभाग ने गैस कनेक्शन वितरण के लिए हितग्राहियों की सूची भी गलत बनाई थी। खाद्य विभाग की सूची सही नहीं होने के कारण हितग्राहियों से संपर्क तक नहीं हो पा रहा था मगर अब राजस्व विभाग को उज्जवला योजना के सूची बनाने और हितग्राहियों से सम्पर्क करने का काम दिया गया है।

राजस्व विभाग का अमला सीधे हितग्राही के पास जाकर गैस कनेक्शन की जानकारी और दस्तावेज तैयार करने का कार्य कर रहा है। शासन ने इस वर्ष जिले को एक लाख 75 हजार गैस कनेक्शन वितरण का लक्ष्य मिला है। हितग्राहियों का सूची लगभग तैयार हो चुकी है। हितग्राहियों को घर पहुंच कर गैस कनेक्शन देने की योजना जिला प्रशासन ने बनाई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार खाद्य विभाग की लापरवाही के कारण जिले के अधिकतर हितग्राहियों को उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिला है। गैस कनेक्शन वितरण में पीछे है। हितग्राहियों की सूची गलत होने के कारण गैस कनेक्शन की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। अभी पिछले वर्ष का गैस कनेक्शन वितरण नहीं हो पाया है। केवल 65 प्रतिशत ही गैस कनेक्शन का वितरण हो पाया है जबकि और जिले में गैस कनेक्शन का वितरण सौ प्रतिशत हो चुका है। जब कलेक्टर पी दयानंद ने उज्जवला योजना का जानकारी ली तो पता चला कि हितग्राहियों की सूची गलत है। जिससे उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

घर जाकर तैयार करेंगे दस्तावेज
कलेक्टर पी दयानंद ने गैस कनेक्शन के वितरण की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दी और कहा कि हितग्राहियों के घर जाकर उनसे संपर्क कर उज्जवला योजना के दस्तावेज तैयार किए जाए। राजस्व विभाग ने एक एक हितग्राही घर जाकर गैस कनेक्शन वितरण की जानकारी लेकर दस्तावेज जमा कराए हैं। राजस्व विभाग ने 90 प्रतिशत हितग्राहियों से संपर्क कर उनकी सूची तैयार की है।

जिले में अधिकांश लोगों को गैस कनेक्शन का वितरण नहीं हो पाया है। अब राजस्व विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों के आधार पर सूची तैयार की गई है। ब्लाक अनुसार सूची बनाने का कार्य चल रहा है। शासन से इस वर्ष एक लाख 75 हजार गैस कनेक्शन के वितरण का लक्ष्य मिला है। जिला प्रशासन को इस वर्ष गैस कनेक्शन देने परेशानी नहीं आएगी।

क्योंकि ग्राम पंचायतों के अनुसार सूची बनाई गई है। जब गैस कनेक्शन का वितरण शुरू किया जाएगा तो हितग्राही को घर पहुंचकर गैस कनेक्शन के वितरण की जानकारी देकर उनको उज्जवला योजना के शिविर में बुलाकर उनका गैस कनेक्शन का वितरण किया जाएगा।

अब दस्तावेज लेकर भटकना नहीं पड़ेगा
हितग्राहियों का गैस कनेक्शन के दस्तावेज जमा करने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। क्योंकि कलेक्टर पी दयानंद ने हितग्राहियों के घर से दस्तावेज लेने का निर्देश राजस्व विभाग को दिए हैं। क्योंकि हितग्राहियों को दस्तावेज जमा करने में काफी परेशानी हुई थी। ग्रामीण महिलाएं गैस एजेंसी में लंबी लाईन लगाकर दस्तावेज जमा करनी थी। दस्तावेज में कमी हो या गलत फार्म भरने के कारण गैस एजेंसियां उनके दस्तावेज वापस कर देती थी जिसके कारण हितग्राहियों को कई बार दस्तावेज जमा करने को लेकर भटकना पड़ता था।

मगर कलेक्टर की कार्य योजना के कारण हितग्राही को घर बैठे सुविधा मिल रही है। बिना चक्कर लगाए उन्हें गैस कनेक्शन मिल जाएगा। हितग्राहियों को कलेक्टर की इस योजना से राहत मिल रही है। राजस्व विभाग के कर्मचारी हो या अधिकारी उज्जवला योजना कार्य में गांव-गांव जाकर हितग्राही से संपर्क कर उनका दस्तावेज तैयार कर गैस एजेंसी में जमा करने का कार्य कर रहे है। इस वर्ष जिला प्रशासन सभी हितग्राहियों को गैस कनेक्शन वितरण करने का दावा कर रहा है। राजस्व विभाग और खाद्य विभाग दोनों मिलकर सूची बना रहे हैं। पंद्रह दिनों में सूची बनाने का कार्य पूर्ण होने की संभावना है।

नियम को सरल किया
केन्द्र सरकार ने इस वर्ष उज्जवला योजना के नियम को सरल किया है। खाद्य विभाग के नीला कार्ड और गुलाबी कार्ड के आधार पर गैस कनेक्शन देने का नियम बनाया है।

सामान्य वर्ग को बाद में मिलेगा कनेक्शन
अभी उज्जवला योजना का गैस कनेक्शन का वितरण अनुसूचित जनजाति और आदवासी लोगों को देने का कार्य चल रहा है। उसके बाद सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को कनेक्शन देने का कार्य किया जाएगा।

कलेक्टर ने लगाई फटकार
कलेक्टर ने खाद्य विभाग के आला अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और नई सूची राजस्व विभाग के साथ मिलकर बनाने के निर्देश दिए हैं।
खाद्य विभाग के अधिकारी इंस्पेक्टर गांव-गांव जाकर सूची के तहत दस्तावेज बनाने कार्य कर रहे हैं।


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