राजस्व विभाग ने उलझाया, संगवारी ने सुलझाया मामला
जमीन की खरीदी-बिक्री के बाद राजस्व रिकार्ड में दुरुस्तीकरण करने में लापरवाही से दो पक्षों में मामला इस कदर उलझ गया कि एक पक्ष थाना की चौखट पर चढ़ गया.....

सूखा राहत राशि को लेकर चल रही थी दो पक्ष में अनबन
कोरबा-कोरबी-चोटिया। जमीन की खरीदी-बिक्री के बाद राजस्व रिकार्ड में दुरुस्तीकरण करने में लापरवाही से दो पक्षों में मामला इस कदर उलझ गया कि एक पक्ष थाना की चौखट पर चढ़ गया। शासन के सूखा राहत की राशि को लेकर इनमें चल रही अनबन को संगवारी पुलिस ने अंतत: सुलझाया और दोनों पक्ष में सुलह कराई।
जानकारी के अनुसार विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के कोरबी पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम तनेरा निवासी समारू दास के निजी हक की भूमि खसरा नंबर 416/1, 423/1, 25/3 व 214/3 में से डेढ़ एकड़ जमीन फूल कुंवर ने खरीदी थी। करीब 3-4 साल पहले जमीन खरीदने के बाद इसका रिकार्ड दुरूस्तीकरण के लिए राजस्व विभाग में आवेदन भी दिया गया और इसके बाद दोनों पक्ष इस बात के लिए निश्चिंत हो गये कि उनके रिकार्ड दुरूस्त हो गये होंगे। इधर पिछले वर्ष पर्याप्त बारिश के अभाव में राज्य शासन द्वारा सूखाग्रस्त घोषित क्षेत्रों में विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा को भी शामिल किया गया, जिसके तहत ये दोनों पक्ष भी सूखा राहत योजना के पात्र बने थे। सूखा राहत का 20,000 रूपया जारी हुआ था और यह राशि फूलकुंवर ने अपना समझकर रख ली थी।
यह गड़बड़ी राजस्व रिकार्ड दुरूस्त नहीं होने के कारण हुई। काफी इंतजार के बाद जब समारू को सूखा राहत की राशि नहीं मिली तब उसने अपने स्तर पर तहसील कार्यालय से पता किया तो मालूम चला कि उक्त राशि फूलकुंवर के पास है। समारू ने इसकी शिकायत पुलिस चौकी में करते हुए निराकरण का आग्रह किया। पिछले दिनों ग्राम हरदेवा में संगवारी अभियान के तहत लगे चलित थाना में चौकी प्रभारी डीआर मनहर ने ग्रामीणों के समक्ष दोनों पक्ष को तलब किया और समारू सिंह को उसके हिस्से के सूखा राहत की राशि 15,000 रूपये फूलकुंवर से दिलवाया। दोनों पक्ष को अपना-अपना रिकार्ड दुरूस्त कराने भी कहा गया ताकि भविष्य में पुन: कोई गलत फहमीं और शिकवा-शिकायत न होने पाये।
प्रेम विवाह से दो समाज में उपजा तनाव कराया शांत
चलित थाना में एक और प्रकरण का समाधान किया गया जिसमें प्रेम विवाह के कारण दो समाज के लोगों के बीच तनाव उपजा था। दरअसल कोरबी चौकी क्षेत्र के निवासी राजकुमार अघरिया व संतोषी गोड़ ने एक माह पहले घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया था। इसके बाद दोनों बाहर रह रहे थे और इधर इस विवाह के चलते दोनों समाज के लोगों में तनाव बढ़ गया और खाना-पीना एक-दूसरे समाज में बंद कर दिया गया। इस मुद्दे पर गांव में बैठक भी हुई जिसमेें विवाद होने पर मामला पुलिस तक पहुंचा।
चलित थाना में दोनों समाज के लोगों को बुलाकर उनके सामने राजकुमार व संतोषी को भी लाया गया। राजकुमार ने संतोषी को राजी-खुशी से अपने साथ रखने की बात दोहराई। लड़की से भी उसकी राय परिजनों व समाज के लोगों ने पूछी जिसमें उसने राजकुमार के साथ रहने की बात कही।
इस तरह पूरे विवाद का पटाक्षेप हो गया और अघरिया समाज ने संतोषी को अपनी बहू स्वीकार कर लिया। दोनों पक्ष ने इस मामले को लेकर फिर विवाद नहीं करने की भी सहमति दी।


