सेवानिवृत प्राचार्य ने 33 रचनाओं का किया दान
जिला प्रशासन रायपुर द्वारा ऑक्सी रीडिंग जोन के लिए चलाए जा रहे पुस्तक दान- महादान अभियान में र प्रबुध नागरिकों द्वारा बड़ी संख्या में पुस्तकों और पुस्तकों के लिए राशि दान में दी जा रही है
रायपुर। जिला प्रशासन रायपुर द्वारा ऑक्सी रीडिंग जोन के लिए चलाए जा रहे पुस्तक दान- महादान अभियान में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रबुध नागरिकों द्वारा बड़ी संख्या में पुस्तकों और पुस्तकों के लिए राशि दान में दी जा रही है।
इसी कड़ी में शहर के सुन्दरनगर निवासी साहित्यकार और शिक्षाविद् सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. रामकुमार बेहार ने अपनी लिखित 33 प्रसिद्ध रचनाओं को युवाओं के लिए ऑक्सी रीडिंग जोन को दान दिया है। डॉ. बेहार को इन रचनाओं के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार व सम्मान भी मिले है। डॉ. बेहार ने छत्तीसगढ़ के गौरव रत्न, यही तो समय है, गुण्डाधुर-बस्तर का जननायक, पर्यटकों का स्वर्ग-छत्तीसगढ़ सहित अपनी 33 रचनाएं प्रदान की है। हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखी ये रचनाएं निश्चित ही युवाओं के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी साबित होगी। डॉ.बेहार ने कहा कि पुस्तक दान-महादान अभियान से सभी को जुड़ना चाहिए ताकि पुस्तकों में समाहित ज्ञान का प्रकाश अधिक से अधिक लोगों तक फैलाया जा सके। गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर माहौल और संसाधन उपलब्ध हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा 8 करोड़ रूपए की लागत से ऑक्सी रीडिंग जोन का निर्माण किया जा रहा है।
यहां युवाओं के लिए सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विविध क्षेत्रों की मानक पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। युवाओं को विविध प्रकार की पुस्तकें अध्ययन के लिए प्राप्त हो सके इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पुस्तक दान-महादान अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग पुस्तकों का दान कर रहे है। दान करने वाले लोगों का नाम भी पुस्तक में अंकित किया जा रहा है साथ ही जिला प्रशासन द्वारा उन्हें अभिनंदन पत्र भी प्रदान किया जा रहा है।


