हाईकोर्ट से मिली राहत अनिवार्य सेवानिवृत न्यायाधीशों की सेवाएं बहाल
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सात वर्ष पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए राज्य की उच्च न्यायिक सेवा के 9 अधिकारियों की सेवाएं बहाल करने के आदेश दिए हैं

बिलासपुर। मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी तथा न्यायाधीश पार्थ प्रीतम साहू की विशेष युगल पीठ ने मनसुख केरकेट्टा एवं अन्य बारह की अलग अलग पेश याचिकाओं पर सुनवाई करते कल नौ की याचिकाएं स्वीकार कर ली।
गुणदोष के आधार पर एक याचिका अस्वीकार कर दी तो शेष मामले निलंबित रखा है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायिक सेवा के 16 (सोलह) अपर सत्र न्यायाधीशों के कामकाज का मूल्यांकन करते उन्हें सेवा मुक्त कर दिया था। इनमें 50 वर्ष की आयु या 20 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके न्यायिक अधिकारी शामिल थे।
तेरह सेवानिवृत्त अधिकारियों ने आदेश को चुनौती देते उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की, जिसने याचिकाएं उच्च न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए।
नौ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा की दलीलों से सहमत होते युगलपीठ ने नौ न्यायाधीशों की सेवाएं पुनर्स्थापित करने का फैसला सुनाया जिसमें मनसुख केरकेट्टा, नरसिंह उसेंडी, विजय भूषण सिंह, अमृतलाल डहरिया, ए टोप्पो, बीआर प्रधान, लाखनसिंह, संजय शेन्द्रे तथा विजय नाथ पांडेय शामिल हैं। इनमें विजय नाथ पांडेय का पिछले दिनों निधन हो गया है।


