जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का परिणाम पंजाब के निजी कॉलेजों पर
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का असर पंजाब के निजी कॉलेजों पर पड़ा है और घाटी के हजारों छात्र इस वर्ष यहां प्रवेश के लिए आ नहीं पाए हैं।

मोहाली । जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का असर पंजाब के निजी कॉलेजों पर पड़ा है और घाटी के हजारों छात्र इस वर्ष यहां प्रवेश के लिए आ नहीं पाए हैं।
यह खुलासा आज यहां पंजाब अनएडेड कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष और आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेजिस के चेयरमैन डॉ़ अंशु कटारिया ने किया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से करीब दस हजार छात्र पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में खासकर ट्रायसिटी, अमृतसर क्षेत्र, जालंधर के जिलों के कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं लेकिन अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां कर्फ्यू और संचारबंदी के कारण यह छात्र 2019-20 के शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश नहीं ले सके हैं।
श्री कटारिया ने कहा कि पंजाब में शैक्षणिक क्षेत्र अपने कठिनतम दौर से गुजर रहा है और उक्त कारण के अलावा बिहार सरकार की गैर एनएएसी कॉलेजों के लिए बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम लाभ वापस लेने से बिहारी छात्रों का यहां से चले जाना, पंजाब के छात्रों का कनाडा, यूनाईटेड किंगडम समेत विदेश में पढ़ाई के बढ़ता रुझान भी वजहें हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा छात्रों का 35 फीसदी अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र निजी कॉलेजों के लिए ‘आशा की आखिरी किरण‘ थेपर तीन सालों से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का भुगतान न होने के कारण यह संख्या भी गिर रही है और पंजाब के निजी कॉलेज छात्रों के अभाव में ‘वीरान‘ हो रहे है।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने गैर एनएएसी कॉलेजों के लिए योजना अचानक इस साल जुलाई में बंद कर दी। इस योजना के तहत बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए चार सालों में चार लाख रुपये मिलते थे जिसका भुगतान सीधे कॉलेजों को किया जाता था। उन्होंने बताया कि पंजाब में लगभग पांच हजार छात्र इस योजना के तहत पढ़ाई कर रहे थे और उम्मीद थी कि लगभग दस हजार छात्र इस साल प्रवेश लेंगे पर योजना वापस लिये जाने से सब धरा रह गया। उन्होंने कहा कि समस्या सिर्फ कॉलेजों को नहीं पर बिहार के छात्रों के लिए भी हुई है।


