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संसाधनों की कमी के चलते पुरानी पेंशन बहाली सम्भव नहीं: जयराम

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में संसाधनों के कमी के चलते पुरानी पेंशन बहाल करने बहाल करने से इनकार किया

संसाधनों की कमी के चलते पुरानी पेंशन बहाली सम्भव नहीं: जयराम
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में संसाधनों के कमी के चलते पुरानी पेंशन बहाल करने बहाल करने से इनकार किया है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी विधायक राकेश सिंघा द्वारा पूछे गए प्रश्न के जबाव में कहा कि मौजूदा वितीय संसाधनों को देखते हुए ऐसा करना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़ सभी राज्यों ने नई पेंशन योजना लागू कर दी है, ऐसे में हिमाचल प्रदेशर में भी इस पर अमल हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अगर राष्ट्रीय पेंशन योजना(एनपीएस) नियमों में संशोधन करती है तो राज्य सरकार भ्री इस पर विचार करेगी। उन्होंने बताया वेतनमानों को लेकर राज्य, पंजाब सरकार का अनुसरण करता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वेतन और पैंशन पर लगभग 19 हजार करोड़ रूपए व्यय हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 1,36,931 पेंशननर है तथा पैंशन और सेवानिवृति लाभों पर 6,660 रूपए करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हैं।

ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने एनपीएस योजना वर्ष 2004 में लागू की थी जबकि राज्य सरकार ने इसे एक साल पहले ही वर्ष 2003 में लागू कर दिया था। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़ पूरे देश में सभी राज्यों ने एनपीएस को लागू किया है। उन्होंने कहा कि एनपीएस के तहत सरकार का अंशदान का गत एक अप्रैल से 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। इससे प्रदेश के 80 हजार एनपीएस कर्मचारियों को 175 करोड़ रूपए का लाभ होगा।


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