पानी गिरते ही बाढ़ प्रभावित गांवों में सामान्य जीवन की बहाली का काम तेजी पर
पंजाब में गत 19 अगस्त को हुई भारी बारिश के साथ आई बाढ़ के कारण भारी तबाही से जूझ रहे कई जिलों के सैकड़ों गांवों में पानी उतरते ही राहत

चंडीगढ़ । पंजाब में गत 19 अगस्त को हुई भारी बारिश के साथ आई बाढ़ के कारण भारी तबाही से जूझ रहे कई जिलों के सैकड़ों गांवों में पानी उतरते ही राहत, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे की बहाली का काम युद्ध स्तर पर जारी है ।
बाढ़ के हालात पैदा होने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सभी विभागों को दिये निर्देश के बाद राहत कार्य शुरू कर दिए गए और उन्होंने राहत कार्यों पर पैनी नजऱ रखी जिसके कारण बुनियादी ढांचा लगभग बहाल हो गया है । सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने विभागों के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और राहत कार्यों को पूरा करने के लिए समय -सीमा निश्चित की थी। काफी काम पूरा हो गया है तथा शेष काम अभी तेजी से जारी है ।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई है तथा बाढ़ में बही सड़कों की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। जमीनी स्तर पर जाकर बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लगाया जा रहा है और साथ ही गांवों में संभावित बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं तथा स्वास्थ्य विभाग की टीमें टीकाकरण मुहिम चलाये हुये हैं।
प्रवक्ता के अनुसार विभिन्न विभागों के 25 हज़ार के करीब कामगार राहत कार्यों को पूरा कर रहे हैं। नदियों में आयी दरारों को पाटने का काम लगभग पूरा कर दिया है। हज़ारों कामगार प्रभावित क्षेत्रों में फौगिंग कर रहे हैं। पेयजल के सैंपल लिए गए हैं और पानी में क्लोरीन मिलाकर कीटाणुमुक्त किया गया है। मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए टैस्ट किये जा रहे हैं और सैनीटरी नैपकिन और मच्छरदानियाँ भी मुहैया करवाई जा रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ के कारण जान और माल के प्रारंभिक नुकसान का पता लगाया जा चुका है। प्रभावित किसानों को बीजों का मुफ्त वितरण शुरू हो गया है । मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार फसलों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए गिरदावरी जारी है और इसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा।
जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से पानी की सप्लाई बहाल होने तक जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की ओर से गांवों में पानी टैंकरों से पहुंचाया जा रहा है । महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए सभी गांवों में जांच दल पानी की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों को पानी, सूखे राशन की किट, चीनी, चावल, गेहूं का आटा, घी, दूध पाउडर मुहैया कराए जा रहे हैं। सेना के सात हेलीकॉप्टरों और वायुसेना के दो एमआई -17 हेलिकॉप्टरों को भोजन के पैकेट/परांठे के एयरड्रॉप के काम के लिए लगाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि जालंधर के सभी 21 और सुल्तानपुर लोधी के 87 बाढ़ प्रभावित गावों की बिजली फिर से बहाल कर करने के लिए पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने नावों के सहारे सभी मुसीबतों से लड़ते हुए और करंट लगने की परवाह न करते हुए गिरे हुये ट्रांसफार्मर वाले खंबों को खड़ा करने का काम किया । बाढ़ के पानी में डूब गये मेहराजवाला 66केवी बिजली सबस्टेशन को रिकॉर्ड समय में फिर से चालू कर दिया गया है।
तटबंधों, सडक़ों, पुलों, पुलियों और अन्य बुनियादी ढांचे सहित क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है और जालंधर, फिरोजपुर और लुधियाना में लगभग सभी दरारों को भर लिया गया है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की छह टीमों, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की तीन टीमों और सेना की छह टुकड़ियों को बचाव कार्यों के लिए लगाया है और विभिन्न सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों की मदद से सतलुज नदी में 18 दरारों को भरा गया है।
जिन गांवों में पानी अभी तक भरा हुआ है उनमें पंपिंग ऑपरेशन से पानी बाहर निकालने का काम जारी है। बाढ़ में अलग थलग पड़े सुल्तानपुर लोधी उप-मंडल के बीस गांवों में से 14 गांवों का संपर्क बहाल कर दिया गया है। मंड इंदरपुर, मंड अंद्रीसा, शाहवाला अंद्रीसा, कुतुबवाल, शाहवाला नक्क़ी और रामगढ़ दलेली नामक छह गाँवों का संपर्क अभी भी कटा हुआ है क्योंकि पंजाब मंडी बोर्ड की गाँव देरावाल (जालंधर)-मंड इंदरपुर -गाँव मानू (फिऱोज़पुर) सडक़ पर तीन स्थानों (एक 900 फुट लंबी और दो 200 फुट लंबी) पर दरारें पड़ी हुई हैं।
कैप्टन सिंह ने पंजाब मंडी बोर्ड को युद्धस्तर पर सडक़ संपर्क बहाल करने के लिए निर्देश दिए हैं। पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) के कर्मचारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुलों, सडक़ों और सरकारी भवनों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिये विस्तृत सर्वेक्षण कर रहे हैं।
मोबाइल चिकित्सा इकाइयां गांव -गांव जाकर स्वास्थ्य सेवायें दे रही हैं। ओपीडी में 21,208 लोगों का इलाज किया गया है। विशेष एंटी लारवा टीमें बाढ़ प्रभावित गांवों में डेंगू के लारवा का पता लगाने के लिए काम कर रही हैं। लोगों को मलेरिया, डेंगू, डायरिया, टाइफाइड और त्वचा की समस्याओं जैसे रोगों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करने के लिये विशेष दल गांवों का दौरा कर रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित मवेशियों के उपचार और टीकाकरण के साथ-साथ उनके चारे और बीमारी की जांच के लिए पशु चिकित्सक टीमों को भी काम पर लगाया गया है।
बाढ़ प्रभावित गांवों में बीमारियों के फैलने की आशंका को देखते हुये इन गांवों में मरे हुये पशुओं तथा मलबे को हटाने का काम जारी ताकि महामारी न फैले । जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए फॉगिंग टीमों को तैनात किया गया है। मनरेगा कामगारों सहित सफाई कामगारों को पेशेवर तरीके से गांवों की सफाई का काम सौंपा गया है। नालियों में से दुर्गंध को दूर करने और संबंधित बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए इनमें ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव किया जा रहा है।


