आंदोलनकारी किसानों की रिहाई पर हुआ सम्मान
किसानों द्वारा राज्य सरकार की वादा खिलाफी, चार साल का बोनस आदि मुद्दों को लेकर 21 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास घेराव के पहले धरना स्थल से प्रदेश के 129 किसनो को गिरफ्तार कर सेन्ट्र

राजिम। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की आह्वान पर किसानों द्वारा राज्य सरकार की वादा खिलाफी, किसान आत्महत्या, चार साल का बोनस आदि मुद्दों को लेकर 21 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास घेराव के पहले धरना स्थल से प्रदेश के 129 किसनो को गिरफ्तार कर सेन्ट्रल जेल रायपुर में रखा गया था जिन्हें 30 घंटे बाद 22 तारीख की शाम को रिहा किया गया।
रिहाई के बाद राजिम पहुँचें किसानों तेजराम विद्रोही, मदन लाल साहू, उत्तम कुमार, बिसौहा राम, जहुर राम और सत्तू राम साहू का पंडित सुन्दर लाल शर्मा चौक राजिम में अखिल भारतीय क्रान्तिकारी किसान सभा के सदस्यों ने स्वागत किया। तेजराम विद्रोही ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहली मर्तबा है छत्तीसगढ़ में धारा 144 लगाकर किसानों की आंदोलन को सरकार द्वारा कुचलने की कोशिश किया गया।
यह अघोषित आपातकाल था जो कि आंदोलन में पहुंचे बिना ही किसानों और किसान नेताओ की गिरफ्तारी आंदोलन के दो दिन पहले ही शुरू कर दिया गया था। विद्रोही ने भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चन्द्राकार के उस बयान की कड़ी निन्दा किया और किसानों से माफी मांगने की मांग की जिसमें पूनम चन्द्राकार ने किसानों के आंदोलन को ढकोसला बताया था। स्वागत करने वालों में ललित कुमार, मोहन लाल, पृथ्वी कुमार, रेखुराम, कुमारचन्द्र, शेशनारायन, सोमन यादव, केशव निशाद, कोमन नेता, भुनूराम साहु आदि उपस्थित थे।


